उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास सम्मेलन के लिए संवादों की एक श्रृंखला की शुरूआत है, जिसमें उत्तर पूर्वी भूभाग में पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा देने के उद्देश्य से नीति विचारकों, हितधारकों और प्रभावशाली लोगों की एक व्यापक श्रृंखला को शामिल किया गया है।
उत्तर पूर्वी भारत लाजवाब व्यंजनों, संस्कृति, अद्भुत परिदृश्य, विरासत और वास्तुकला से परिपूर्ण है और धरती पर सबसे खूबसूरत स्थानों में से एक है। लेकिन, इस भूभाग में पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए पर्याप्त अवसर मौजूद हैं जिनका लाभ प्राप्त किया जा सकता है।
इस दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए, केंद्रीय उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास, पर्यटन और संस्कृति मंत्री, श्री जी. किशन रेड्डी ने आज उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्रालय सचिव श्री लोक रंजन, पूर्वोत्तर परिषद सचिव, केंद्रीय मंत्रालय और आठ राज्यों के वरिष्ठ अधिकारियों, पर्यटन बोर्डों के वरिष्ठ अधिकारियों, महत्वपूर्ण हितधारकों, पर्यटन संचालकों और डिजिटल प्रभावकों की उपस्थिति में दो दिवसीय वर्चुअल सम्मेलन ‘सिम्फोने’ का उद्धाटन किया।
उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्रालय द्वारा विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर 24 और 27 सितंबर, 2022 को इस वर्चुअल सम्मेलन ‘सिम्फोने’ का आयोजन किया जा रहा है। इस दो दिवसीय सम्मेलन का उद्देश्य पूर्वोत्तर भारत की अनदेखी सुंदरता का प्रदर्शन करना और उत्तर पूर्वी भूभाग में पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए एक रोडमैप तैयार करना है। इस कार्यक्रम में चिंतकों, नीति विचारकों, सोशल मीडिया प्रभावकों, पर्यटन संचालकों और डोनर मंत्रालय तथा विभिन्न राज्यों के वरिष्ठ अधिकारियों के विचारों, चर्चाओं और सुझावों को सम्मिलित किया जाएगा।
उत्तर पूर्वी क्षेत्र को ‘यात्रियों के लिए अनदेखा स्वर्ग’ बताते हुए, केंद्रीय मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी जी ने कहा कि “पूर्वोत्तर भारत प्राकृतिक सौंदर्य, अद्वितीय संस्कृति और भरपूर प्राकृतिक संसाधनों का एक दुर्लभ मिश्रण है तथा प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में भारत सरकार उत्तर पूर्वी क्षेत्र का तीव्र और द्रुत गति से विकास करने के लिए प्रतिबद्ध है। श्री रेड्डी ने विश्वास व्यक्त किया कि ‘सिम्फोने’ उत्तर पूर्वी क्षेत्र की पर्यटन क्षमता को उजागर करने की दिशा में विचार-विमर्श करने और एकजुट होकर काम करने के लिए एक उत्कृष्ट मंच साबित होगा।
उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्रालय के सचिव, श्री लोक रंजन ने ‘सिम्फोने’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि यह सम्मेलन यथार्थ विचारों और उत्तर पूर्वी क्षेत्र की पर्यटन संभावनाओं का लाभ उठाने के अवसरों के लिए एक गेम-चेंजर साबित होगा।
श्री रंजन ने ‘सिम्फोने’ को एक ‘महान शुरुआत’ बताते हुए सभी हितधारकों को आश्वासन दिया कि इसमें भागीदारों और हितधारकों के सुझावों तथा फीडबैक पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा और सभी आशाओं-अभिलाषाओं को पूरा करने के लिए मंत्रालय एक मिशन मोड के रूप में काम करेगा।
पूर्वोत्तर परिष्द सचिव, श्री के. मूसा चलई ने ‘सिम्फोने’ को संबोधित करते हुए कहा कि भारत सरकार उत्तर पूर्वी क्षेत्र में पर्यटन विकास को अगले स्तर पर ले जाने की दिशा में लगातार काम कर रही है। उन्होंने कहा कि हाल के वर्षों में पर्यटन क्षेत्र में वृद्धि हुई है और प्रौद्योगिकी एवं डिजिटलीकरण की सहायता से इस क्षेत्र में पर्यटन को बहुत बढ़ावा मिलेगा।
एनईएचएचडीसी के प्रबंध निदेशक, ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) आर के सिंह ने कहा कि सभी हितधारकों की सामूहिक भावना को शामिल करते हुए भारत सरकार उत्तर पूर्वी क्षेत्र में पर्यटन अनुकूल माहौल बनाने की दिशा में काम कर रही है। उन्होंने कहा कि विशिष्ट पर्यटन एक्सपो को बढ़ावा देने का प्रयास किया जाएगा, जिसके माध्यम से उत्तर पूर्वी क्षेत्र के हस्तशिल्प और निपुण कारीगरों की श्रेष्ठता और भव्यता का प्रदर्शन किया जा सके।
एनईडीएफआई के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, श्री पीवीएसएलएन मूर्ति ने कहा कि पर्यटन क्षेत्र से संबंधित स्टार्टअपों ने उत्तर पूर्वी क्षेत्र में पर्यटन के परिदृश्यों को बदलकर रख दिया है।
‘सिम्फोने’ कार्यक्रम के लिए आयोजित आज के सत्र में, शिलांग के लोक संगीत बैंड ‘समरसॉल्ट’ का भी आनंद लिया गया। बैंड के सदस्य किट शांगप्लियांग ने ‘संगीत’ के महत्व को रेखांकित किया और कहा कि यह पूर्वोत्तर भारत में पर्यटन के निरंतर विकास के लिए विषयों को निर्धारित करेगा।
मोटरसाइकल समूह ‘वंडरर्स’ ने उत्तर पूर्वी क्षेत्र की यात्रा के अपने अविस्मरणीय अनुभवों को साझा किया। टीम के सदस्य श्री पवन ने मंच पर अपने सुझावों को भी सबके सामने रखा।
‘सिम्फोने’ के आज के सत्र में कई प्रतिष्ठित लोग उपस्थित रहे जिनमें चिंतक, नीति विचारक, राज्य पर्यटन बोर्ड के सदस्य, सोशल मीडिया प्रभावक, पर्यटक संचालक आदि शामिल हैं। इस सत्र में राज्य सरकारों के वरिष्ठ पर्यटन अधिकारी और संबंधित राज्यों के स्थानीय पर्यटन संचालक भी शामिल हुए।
‘सिम्फोने’ का उद्देश्य आगंतुकों और पर्यटन संचालकों के सामने आने वाली समस्याओं की समाप्ति के लिए वन-स्टॉप समाधान का विकास करना है, जिन समस्याओं का सामना पर्यटक अपनी यात्रा के दौरान और पर्यटन संचालक अपनी सेवाएं एवं सुविधाएं प्रदान करने के दौरान करते हैं, जिसमें लॉजिस्टिक्स और मूलभूत सुविधाएं, पर्यटकों के बीच गंतव्य स्थलों के बारे में कम और अधूरी जानकारी, लोगों के बीच आवश्यक जानकारियों का प्रचार, प्रसार और विपणन जैसी गतिविधियां शामिल हैं।
‘सिम्फोने’ के समापन सत्र का आयोजन 27 सितंबर, 2022 को किया जाएगा, जिसे डोनर मंत्रालय के राज्य मंत्री, श्री बी.एल. वर्मा संबोधित करेंगे।