-हथुआ मार्केट का पूजा पंडाल इस बार नेपाल के प्रसिद्ध पशुपतिनाथ मंदिर की अनुकृति
काशीपुराधिपति की नगरी में शारदीय नवरात्र की तैयारियां पूजा पंडालों के साथ देवी मंदिरों में भी युद्धस्तर पर हो रही है। पूजा पंडालों को अन्तिम रूप देने के लिए जहां कारीगर और मजदूर जहां रात दिन एक कर रहे हैं । वहीं, देवी मंदिरों में साफ-सफाई के साथ रंगरोगन का कार्य भी चल रहा हैं । जिन नौ मंदिरों में आदिशक्ति के नौ स्वरूपों के दर्शन पूजन का विधान है। वहां बैरिकेडिंग के लिए बांस-बल्ली भी मंगाया जा रहा है। नगर के प्रसिद्ध पूजा पंडालों में चेतगंज हथुआ मार्केट स्थित प्रीमियर बॉयज क्लब की भव्य पूजा पंडाल इस बार नेपाल के प्रसिद्ध पशुपतिनाथ मंदिर की अनुकृति जैसी दिखेगी। तीन दिवसीय दुर्गापूजा में आने वाले लाखों श्रद्धालुओं को यहां नेपाल में होने का एहसास होगा।
कोलकाता के विशेष कारीगर पशुपतिनाथ मंदिर की आकृति का पंडाल बनाने के लिए रात-दिन एक कर रहे हैं। पंडाल को आकार दिया जा रहा है। क्लब के कोषाध्यक्ष संजय गुप्ता ने बताया कि कोरोना काल के चलते पूरे दो साल बाद इस बार पंडाल को भव्यतम बनाने के लिए कारीगर और मजदूर रातदिन कार्य कर रहे है। इसी क्रम में चर्चित जंगमबाड़ी स्थित ईगल क्लब में भी पूजा पंडाल को भव्य बनाने की तैयारी है।
नई सड़क पर स्थित श्रीदुर्गा पूजा समिति सनातन धर्म इंटर काॅलेज के पूजा पंडाल को काशी विश्वनाथ धाम के तर्ज पर बनाया जा रहा हैं । अर्दली बाजार की न्यू डिलाइट क्लब दुर्गा पूजा समिति का पंडाल भी अन्तिम दौर में है। इसी क्रम में जगतगंज स्थित विजेता स्पोर्टिंग क्लब का पूजा पंडाल बच्चों को ध्यान में रखकर बनाया जा रहा है। पंडाल के मुख्य द्वार पर ड्रम बजाता हाथी दिखेगा। इसके अलावा तरह-तरह कार्टून भी बच्चों को आकर्षित करेंगे। विजेता स्पोर्टिंग क्लब की ओर से हर बार स्पेशल थीम पर इलेक्ट्रिक की सजावट रहती है। इस बार बच्चों के मनोरंजन को ध्यान में रखकर सजावट की जा रही है।
गौरतलब हो कि वाराणसी में दुर्गा प्रतिमाएं और पूजा पंडालों में प्रतिवर्ष कई प्रयोग किये जाते हैं। शहर में पर्यावरण संरक्षण, स्वच्छता और सम सामयिक विषयों के साथ प्राचीन और नवीन मंदिरों की अनुकृतियां दुर्गोत्सव की विविधता बढ़ाएंगी।