Search
Close this search box.

इलाहाबाद विवि का स्थापना दिवस आज : स्मॉर्ट कक्षाओं और प्रयोगशालाओं से बदला ‘पूरब का ऑक्सफोर्ड’

Share:

Prayagraj News : इलाहाबाद विश्वविद्यालय। विजयनगरम हॉल।

इलाहाबाद विश्वविद्यालय (इविवि) की स्थापना को आज (23 सितंबर) 135 साल पूरे हो गए। सिर्फ 13 छात्रों के साथ शुरू हुआ म्योर कॉलेज ठसक के साथ ‘पूरब का आक्सफोर्ड’ तक कहलाया। यहां जो पौधा रोपा गया, वह वटवृक्ष बन गया। इसकी गौरवगाथा रोमांचित करने वाली है। यह और बात है कि समय की मार ने स्थिति ऐसी ला दी है कि जिस विश्वविद्यालय को आईएएस की फैक्ट्री कहा जाता था, आज वहां से अफसरी का उत्पादन तकरीबन ठप हो चुका है।

चुनौती यह भी है कि नेशनल इंस्टीट्यूट रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ) की ओर से जारी होने वाली देश के शीर्ष 200 संस्थानों में यह कैसे जगह बना पाए। हालांकि, प्रबंधन के ताजा फैसले और प्रयास सुखद संकेेत देते हैं। स्मॉर्ट कक्षाओं, नई प्रयोगशालाओं से लेकर शिक्षकों की व्यापक भर्ती ने शोध के जो रास्ते खोले हैं, उनमें यह संकल्प दिखता है कि विश्वविद्यालय अपनी साख को हासिल करने के लिए गियर बदल चुका है। अमित सरन की रिपोर्ट…

एक वक्त था, जब एमएनएनआईटी और मेडिकल कॉलेज भी इविवि का हिस्सा हुआ करते थे। बाद में यह विश्वविद्यालय से अलग हो गए और इविवि महज 40 विभागों का संस्थान रह गया। बीएचयू जैसे संस्थानों के पास भी अपने इंजीनियरिंग और मेडिकल कॉलेज हैं। रैंकिंग में उन्हें इसी का फायदा मिलता रहा है। विश्वविद्यालय प्रशासन अब कृषि संकाय शुरू करने की तैयारी कर रहा है। इसके लिए केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय को प्रस्ताव भेजा गया है।

कुलपति प्रो. संगीता श्रीवास्तव की पहल पर इविवि में एक साल के अंदर लगभग ढाई सौ शिक्षकों की नियुक्तियों के साथ विश्वविद्यालय के नए अध्याय की शुरुआत हो चुकी है। जेएनयू, बीएचयू, आईआईटी जैसे संस्थानों से शिक्षक यहां पढ़ाने आए हैं। प्रयास है कि इन्हें अच्छी से अच्छी सुविधाएं दी जा सकें, ताकि वे रिसर्च के क्षेत्र यहां विकसित कर सकें।

Prayagraj News :  इलाहाबाद विश्वविद्यालय। सीनेट हाल।

स्कोपस में इंडेक्स जर्नल में ही छपेंगे पेपर
एनआईआरएफ शोध की जानकारी संबंधित विश्वविद्यालय से नहीं लेता है, बल्कि स्कोपस संस्था से उसे यह जानकारी मिलती है। यह संस्था गूगल की तरह काम करती है। सर्च कराने पर शोध की जानकारी मिल जाती है। इविवि में हर साल तकरीबन एक हजार रिसर्च पेपर लिखे जाते हैं, लेकिन सभी पेपर स्कोपस में इंडेक्स जर्नल में नहीं छपते हैं। अब अनिवार्य किया गया है कि सभी रिसर्च पेपर अनिवार्य रूप से स्कोपस में इंडेक्स जर्नल में ही छपवाए जाएं, ताकि एनआईआरएफ तक शोध की सही जानकारी पहुंचे।

हर पेपर में सुपरवाइजर, इविवि का नाम जरूरी
इविवि में कुछ दिनों पहले ही नोटिस जारी किया गया है कि हर रिसर्च पेपर में सुपरवाइजर और इविवि का नाम अनिवार्य रूप से दर्ज किया जाए। इविवि में तमाम रिसर्च पेपर में यह प्रक्रिया नहीं अपनाई जा रही थी। कई शोध छात्र अपने पेपर में सुपरवाइजर और इविवि का नाम लिखते ही नहीं थे, जिसकी वजह से संबंधित शोध इविवि के खाते में नहीं जुड़ रहे थे। प्रक्रिया में बदलाव से इविवि के खाते में शोध की संख्या बढ़ेगी।विज्ञापन

Prayagraj News :  इलाहाबाद विश्वविद्यालय। मोनिरबा।

इविवि में बनाया गया पेटेंट सेल
एनआईआरएफ रैंकिंग में पेटेंट के अंक भी शामिल किए जाते हैं और ये अंक काफी महत्वपूर्ण होते हैं। अधिक से अधिक शोध पेटेंट कराए जा सकें, इसके लिए इविवि प्रशासन की ओर से 15 दिन पहले ही पेटेंट सेल बनाया गया है। विश्वविद्यालय में इस साल पांच पेटेंट हुए हैं, जिनकी संख्या पिछले वर्षों की तुलना में अधिक है। इनमें जेके इंस्टीट्यूट के प्रो. आशीष खरे, सेंटर ऑफ फूड टेक्नोलॉजी की प्रो. नीलम यादव, गृह विज्ञान विभाग की प्रो. संगीता श्रीवास्तव के एक-एक और रसायन विज्ञान विभाग के प्रो. शेखर श्रीवास्तव के दो शोध पेटेंट हुए हैं।
Prayagraj News :  इलाहाबाद विश्वविद्यालय, छात्रसंघ भवन।

शिक्षकों को शोध के लिए मिलेंगे पांच लाख रुपये
कुलपति प्रो. संगीता श्रीवास्तव ने तय किया है कि विश्वविद्यालय में नियुक्त नए शिक्षकों और खासतौर पर विज्ञान के शिक्षकों को शोध के लिए विश्वविद्यालय के खाते से पांच लाख रुपये सीड मनी के रूप में प्रदान किए जाएंगे। इसके लिए इविवि प्रशासन ने शिक्षकों से प्रोजेक्ट भी मांग लिए हैं। उद्देश्य यही है कि नए शिक्षक सीड मनी से शोध करें और इसे आगे बढ़ाएं, ताकि भविष्य में बड़े प्रोजेक्ट मिल सकें।

18 नई प्रयोगशालाएं, स्मार्ट क्लासरूम भी तैयार
इविवि के विज्ञान संकाय में हाल ही में एमएन साहा कॉम्पलेक्स खुला है। इसमें 18 प्रयोगशालाएं हैं, जहां विज्ञान विषय के छात्र आकर शोध कर सकेंगे। इसमें इंस्ट्रूमेंटल कॉम्लेक्स भी तैयार किया जाएगा, जिसमें महंगे और अत्याधुनिक उपकरण रखे जाएंगे। छात्र इन उपकरणों का प्रयोग कर सकेंगे। एमएन साहा कॉम्लेक्स में स्मार्ट क्लासरूम भी बनकर तैयार हो चुका है। रैंकिंग निर्धारण के दौरान ये सभी सुविधाएं इविवि के अंकों में इजाफा करेंगी।

Prayagraj News :  इलाहाबाद विश्वविद्यालय।

नई शिक्षा नीति के तहत 10 नए कोर्स शुरू
इविवि में नई शिक्षा नीति के तहत 10 नए इंटीग्रेटेड पाठ्यक्रम शुरू किए जा रहे हैं। इनमें से कुछ पाठ्यक्रम सत्र 2022-23 से शुरू कर दिए गए हैं। इविवि प्रशासन ने शिक्षा मंत्रालय और यूजीसी को इसकी जानकारी भी भेज दी है। सत्र 2023-24 से इविवि में नई शिक्षा नीति को पूरी तरह से लागू करने की तैयारी कर ली गई है। नए पाठ्यक्रमों के प्रस्ताव भी तैयार कर लिए गए हैं।

इंक्यूबेशन सेंटर से भी रैंकिंग में सुधार की उम्मीद
इविवि में हाल ही में इंक्यूबेशन सेंटर की शुरुआत की गई है। यह सेंटर स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए खोला गया है। कुछ माह पहले यहां बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज के सीईओ भी आए थे और छात्रों ने उनके सामने कुछ प्रोजेक्ट पेश किए थे।

Leave a Comment

voting poll

What does "money" mean to you?
  • Add your answer

latest news