ज्ञानवापी मां शृंगार गौरी प्रकरण में गुरुवार से नियमित सुनवाई जिला जज डाॅ अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में शुरू हुई। 12 सितंबर को जिला जज की अदालत ने प्रतिवादी अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी की आपत्तियों को खारिज करते हुए आदेश दिया था कि शृंगार गौरी केस सुनवाई योग्य है। अदालत ने प्रकरण में दोनों पक्षों को लगभग 45 मिनट सुनने के बाद अगली सुनवाई की तिथि 29 सितम्बर नियत की है। ज्ञानवापी परिसर में मिले शिवलिंगनुमा आकृति की कार्बन डेटिंग और एएसआई सर्वे की वादिनी महिलाओं की मांग पर कोर्ट ने नोटिस जारी कर दिया है। 29 सितंबर को मसाजिद कमेटी अपना पक्ष दाखिल करेगी।
इसके पहले अदालत में वादी महिलाएं अपने अधिवक्ताओं के साथ अदालत में समय से पहुंच गईं। वादी महिलाओं के बाद प्रतिवादी पक्ष के अधिवक्ता भी अदालत में आए। उधर, प्रकरण में न्यायालय के आदेश के खिलाफ प्रतिवादी मसाजिद कमेटी इलाहाबाद हाईकोर्ट में रिवीजन पिटीशन दाखिल कर सकती है। मसाजिद कमेटी की रिवीजन पिटीशन के मद्देनजर वादी हिंदू पक्ष की महिलाओं की ओर से हाईकोर्ट में पहले ही कैविएट पिटीशन दाखिल की जा चुकी है। कैविएट पिटीशन से अदालत कोई भी आदेश देने से पहले वादिनी महिलाओं का पक्ष जरूर सुनेगा। प्रतिवादी पक्ष अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी के अधिवक्ताओं ने न्यायालय में प्रार्थना पत्र देकर 08 हफ्ते का समय मांगा है। प्रतिवादी पक्ष के अधिवक्ताओं का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि शृंगार गौरी केस को जिला जज स्तर के न्यायाधीश सुनेंगे। अगर उनके आदेश से कोई पक्ष असहमत होता है तो वह उसके खिलाफ उच्च अदालत में जा सकता है।
गौरतलब हो कि जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश ने 12 सितंबर 2022 को अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी की मांग को खारिज करते हुए फैसला सुनाया था कि शृंगार गौरी केस सुनवाई योग्य है। साथ ही सुनवाई की तिथि उन्होंने गुरुवार 22 सितंबर को तय की थी। आदेश में जिला जज ने कहा था कि उस दिन जितने लोगों ने पक्षकार बनने के लिए ऑर्डर 1 रूल 10 के तहत आवेदन दिया था। उस पर सुनवाई होने के साथ शृंगार गौरी मामले में वादबिंदु भी तय किया जाएगा। संबंधित पक्षकार जवाबदेही भी दाखिल करेंगे।