श्राद्ध पक्ष के कारण बाजारों की रौनक फीकी पड़ रही है, जिसके कारण दुकानदार और व्यापारी वर्ग को घाटे का सामना करना पड़ रहा है। दुकानदार अब श्राद्ध पक्ष खत्म होने के इंतजार कर रहे हैं। दुकानदारों को अब नवरात्रि का इंतजार है।
मान्यतानुसार श्राद्ध पक्ष में कोई भी नई वस्तु खरीदना और शुभ कार्य वर्जित माना जाता है। बारह मास में श्राद्ध पक्ष के इन पंद्रह दिन में सिर्फ पितृरों का स्मरण, तर्पण और उनके निमित्त दान करने का ही विधान है। ऐसे में बाजार में पहले ही दिन से श्राद्ध पक्ष का असर देखने को मिला। लक्सर के मुख्य बाजार के अलावा ग्रामीण क्षेत्र सुल्तानपुर, खानपुर, रायसी एवं भिक्कमपुर के बाजारों में अन्य दिनों की अपेक्षा खरीदारों की भीड़ काफी कम रही। कपड़े से लेकर सर्राफा की दुकानों में दिन भर में गिने-चुने ही खरीदार पहुंचे। दुकानदारों के मुताबिक श्राद्ध पक्ष में कपड़ा बाजार करीब 60-70 फीसद तक गिर गया है। अधिकांश लोग श्राद्ध पक्ष में खरीदारी करने से परहेज करते हैं। आभूषण बाजार की चमक भी इस दौरान फीकी हुई है।
सर्राफा कारोबारी संजय कुमार, अजय वर्मा के अनुसार अब श्राद्ध पक्ष समाप्त होने के बाद ही आभूषण बाजार में चमक लौटेगी। जिन ग्राहकों ने बुकिंग करवाई है वे श्राद्ध पक्ष समाप्त होने के बाद ही खरीदारी के लिए आएंगे। वहीं, कपड़ा व्यापारी और गारमेंट्स व्यापारी राजू ने बताया कि काम बहुत ज्यादा मंदा है। नवरात्र में काम अच्छा होने की उम्मीद है।