दिल्ली की साकेत कोर्ट आज क्रिकेटर ऋषभ पंत की ओर हरियाणा के क्रिकेटर मृगांक सिंह के खिलाफ दायर एक करोड़ 63 लाख रुपये की धोखाधड़ी मामले की सुनवाई करेगा। मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अभितेष कुमार मामले की सुनवाई करेंगे।
1 सितंबर को कोर्ट ने गवाह पेश नहीं करने पर मृगांक सिंह को अपने पक्ष में बचाव के लिए साक्ष्य देने का अवसर बंद कर दिया था। सुनवाई के दौरान मृगांक सिंह की ओर से पेश वकील स्निग्धा लाल ने सुनवाई टालने की मांग करते हुए कहा था कि मुख्य वकील दिल्ली हाईकोर्ट में व्यस्त हैं। सुनवाई टालने की मांग का ऋषभ पंत की ओर से पेश वकील एकलव्य द्विवेदी ने विरोध किया था। कोर्ट ने पाया कि 4 अगस्त को मृगांक सिंह ने अपने बचाव में गवाहों की सूची दाखिल की थी। वो एक गवाह को पेश करना चाहते हैं। कोर्ट ने कहा था कि 23 अगस्त को मृगांक सिंह की ओर से इस आधार पर सुनवाई टालने की मांग की गई कि गवाह की तबीयत खराब है लेकिन कोई मेडिकल दस्तावेज पेश नहीं किए गए। न तो मृगांक सिंह के मुख्य वकील पेश हुए और न ही गवाह पेश हुआ। उसके बाद कोर्ट ने मृगांक सिंह की ओर से साक्ष्य बंद करने का आदेश दिया था।
23 अगस्त को मृगांक सिंह की ओर से पेश वकील निपुण जोशी ने कहा था कि उनके गवाह की तबीयत ठीक नहीं है। उसके बाद कोर्ट ने गवाह को अपने बयान दर्ज कराने के लिए कोर्ट में पेश होने का अंतिम अवसर देते हुए चेतावनी दी कि अगर आरोपी की ओर से गवाह पेश नहीं होता है तो बचाव के लिए साक्ष्य देने का अवसर समाप्त कर दिया जाएगा।
ऋषभ पंत की शिकायत के मुताबिक मृगांक सिंह ने उसे अच्छी कीमत पर महंगी घड़ियां दिलाने की पेशकश की थी। इसके अलावा मृगांक ने पंत से गहने समेत महंगी वस्तुएं भी ली थीं जिसे उसने नहीं लौटाया। शिकायत के मुताबिक मृगांक सिंह ने पंत को बताया कि उसने लग्जरी घड़ियां, बैग,आभूषण खरीदने और बेचने का व्यवसाय शुरू किया है। उसने पंत से झूठे वादे किए कि वह उनके लिए बहुत सस्ते दामों पर लग्जरी घड़ियां और अन्य सामान खरीद सकता है। इसके बाद ऋषभ पंत ने मृगांक सिंह को एक बड़ी राशि ट्रांसफर कर दी। इसके अलावा उन्होंने कुछ कीमती सामान भी मृगांक को दिए, ताकि वह उन सामानों को फिर से बेचकर पंत को भारी मुनाफा दे सके।
पैसे के लेनदेन को लेकर जब विवाद आगे बढ़ा, तो ऋषभ पंत ने मृगांक सिंह को लीगल नोटिस भेजा। तब दोनों के बीच एक करोड़ 63 लाख रुपये लौटाने को लेकर समझौता हुआ। जिसके आधार पर मृगांक सिंह ने ऋषभ पंत को चेक जारी किया। जब ऋषभ पंत ने इस चेक को बैंक में लगाया तो वो चेक बाउंस हो गया। उसके बाद ऋषभ ने साकेत कोर्ट में चेक बाउंस का केस दर्ज कराया।