कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव के लिए पिछले एक सप्ताह के दौरान तेजी से बदलते घटनाक्रम के बीच राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने चुनाव लड़ने के स्पष्ट संकेत देते हुए बुधवार को कहा कि कांग्रेस की मजबूती के लिए, जहां मेरी आवश्यकता होगी मैं पीछे नहीं हटूंगा। मेरी पार्टी ने मुझे सब कुछ दिया है। आज पार्टी संकट में है और देश की स्थिति को देखते हुए कांग्रेस का मजबूत होना जरूरी है। कांग्रेस की मजबूती के लिए जहां मेरी आवश्यकता होगी, मैं पीछे नहीं हटूंगा। पार्टी आलाकमान उन्हें जो भी जिम्मेदारी सौंपेगा, उसे वह निभाएंगे।
बुधवार को दिल्ली पहुंचे गहलोत ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान राजस्थान के मुख्यमंत्री बने रहने के सवाल पर कहा, मैं रहूं या ना रहूं लेकिन मैं वहां रहना पसंद करूंगा, जहां मेरे रहने से पार्टी को फायदा होगा। गहलोत ने यह भी कहा कि वह कोच्चि जाकर राहुल गांधी को इस बात के लिए मनाने का आखिरी प्रयास करेंगे कि वह पार्टी अध्यक्ष का पद संभालें। उनका कहना था कि राहुल गांधी से बातचीत करने के बाद ही वह तय करेंगे कि आगे क्या करना है।
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष को लेकर सरगर्मियां तेज हो गई हैं। अध्यक्ष की रेस में सबसे आगे नाम होने के कयासों के बीच कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलने दिल्ली पहुंचे गहलोत ने कहा, अगर पार्टी के लाेग मुझे चाहते हैं, उन्हें लगता है कि अध्यक्ष पद या सीएम पद पर मेरी जरूरत है तो मैं मना नहीं कर सकता। हमारे लिए पद कोई मायने नहीं रखता। सोनिया से मुलाकात के बाद गहलोत राहुल गांधी से मिलने कोच्चि भी जाएंगे। उन्होंने कहा, मैं एक बार और प्रयास कर रहा हूं कि राहुल गांधी ही अध्यक्ष पद संभाले। प्रदेश कांग्रेस कमेटी में मैंने ही प्रस्ताव रखा था कि उन्हें अध्यक्ष बनना चाहिए। उन्हें मैं मनाने का प्रयास करूंगा, उसके बाद तय करूंगा।
उन्होंने कहा कि ये समय ही बताएगा कि मैं कहा रहूंगा, कहां नहीं रहूंगा। एक पद, एक व्यक्ति फॉर्मूला पर उन्होंने कहा कि अगर मेरा बस चले तो मैं किसी पद पर नहीं रहूं। मैं राहुल गांधी के साथ सड़क पर उतरूं और फासीवादी लोगों के खिलाफ मोर्चा खोलूं। मेरे उपस्थिति से पार्टी को फायदा होना चाहिए, कांग्रेस मजबूत होनी चाहिए, मैं यह चाहता हूं। इससे पहले जयपुर में मंगलवार रात कांग्रेस विधायक दल की बैठक में गहलोत ने अध्यक्ष पद पर नामांकन भरने के साफ संकेत दिए थे। विधायकों को गहलोत ने उनके नामांकन करने पर दिल्ली आने तक के लिए भी कहा।
गहलोत ने कहा कि मुझे कांग्रेस की सेवा करनी है। जहां भी मेरा उपयोग है, मैं वहां तैयार रहूंगा। अगर पार्टी को लगता है कि मेरी मुख्यमंत्री के रूप में जरूरत है, या अध्यक्ष के रूप में ज्यादा जरूरत है तो मैं मना नहीं कर पाऊंगा। उनका कहना था कि मुझे पार्टी ने सब कुछ दिया है, आज अगर पार्टी संकट में है तो भाजपा के कारनामों के कारण है, कोई हमारी गलतियों से नहीं है।
पार्टी के एक अन्य वरिष्ठ नेता शशि थरूर से अध्यक्ष पद के चुनाव में मुकाबले की संभावना के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि मुकाबला होना चाहिए ताकि लोगों को मालूम पड़े कि पार्टी में आंतरिक लोकतंत्र है। क्या भाजपा में पता चलता है कि राजनाथ सिंह कैसे अध्यक्ष बन गए और जे पी नड्डा कैसे अध्यक्ष बन गए।