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स्कूलों में बच्चों से कराई जाती है सफाई, परिषदीय स्कूलों में शिक्षकों के 63 हजार पद खाली

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Now every day for 15 minutes children will clean school, parents angry |  खुल गए स्कूल : अब रोजाना 15 मिनट बच्चे करेंगे स्कूल की सफाई, अभिभावक नाराज  | Patrika News

बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में बच्चों से सफाई कराने के मुद्दे पर विपक्ष ने मंगलवार को सरकार को घेरा। सरकार की ओर से बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार संदीप सिंह ने कहा कि स्कूलों में सफाई का कार्य ग्राम पंचायत के सफाई कर्मी ही करते हैं। वहां अलग से सफाई कर्मचारी तैनात करने का प्रावधान नहीं है। विधानसभा में प्रश्नकाल में सपा विधायक लालजी वर्मा ने आरोप लगाया कि ग्राम पंचायतों के सफाई कर्मियों को गांव में गौशाला की सफाई में लगा दिया है। ऐसे में जब गांव की सफाई नहीं हो रही है तो स्कूलों की सफाई कैसे होगी।

परिषदीय स्कूलों में शिक्षकों के 63 हजार पद खाली
बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार संदीप सिंह ने विधानसभा में विधायक प्रसन्न कुमार और मनोज कुमार पारस के एक सवाल के जवाब में बताया कि परिषदीय स्कूलों में करीब 63 हजार शिक्षकों के पद खाली हैं। इनमें ग्रामीण स्कूलों में 51,112 और शहरी स्कूलों में 12,149 पद खाली हैं। उन्होंने बताया कि परिषदीय स्कूलों में शिक्षकों के 5,80,084 पद सृजित हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश में कुल 6,28,915 शिक्षक कार्यरत हैं। इनमें 1,47,767 शिक्षा मित्र और 27,515 अनुदेशक भी शामिल है।

साइबर अपराध में प्रभावी कार्रवाई करे सरकार
प्रदेश में बढ़ती साइबर अपराध की घटनाओं और उसमें प्रभावी कार्रवाई नहीं होने पर विपक्ष ने विधानसभा में सरकार को घेरा। सपा विधायक पंकज कुमार मलिक ने साइबर क्राइम पर सवाल उठाते हुए सरकार से जवाब मांगा। संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि जनवरी 2021 से 20 जुलाई 2022 तक प्रदेश में साइबर क्राइम के 16,552 मामले दर्ज हुए हैं।

इनमें से 5,769 मामलों में जांच करते हुए 3,595 अपराधियों को जेल भेजा गया है। उन्होंने कहा कि पहले प्रदेश में सिर्फ दो साइबर क्राइम थाने थे। अब हर मंडल मुख्यालय में एक साइबर सेल गठित किया है। विपक्षी सदस्यों ने आरोप लगाया कि साइबर सेल के पास अत्याधुनिक तकनीक और उपकरण नहीं होने से वहां काम नहीं हो रहा है।

तीन लाख भूमि बंजर, सुधार की कोई योजना नहीं
प्रदेश में 3,04,351.2142 हेक्टेयर भूमि बंजर है। पर वर्तमान में परती भूमि विकास विभाग की ओर से भूमि सुधार की कोई योजना संचालित नहीं है। इसका खुलासा मंगलवार को विधानसभा में सपा विधायक विनोद चतुर्वेदी के सवाल के जवाब में हुआ है। संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि प्रदेश में कुल भूमि का मात्र 1.30 फीसदी भूमि बंजर है। हालांकि इस जमीन पर कुछ पेड़ उगाए जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार लैंड बैंक बना रही है। इससे प्रदेश में स्थापित हो रही औद्योगिक इकाइयों को भूमि उपलब्ध कराई जा रही है।

2024 तक प्रदेश के हर घर को मिलेगा नल से जल
विधानसभा में सपा विधायक अजय कुमार, रविदास मेहरोत्रा और अभय सिंह के स्वच्छ पेयजल मिशन के तहत घरों को नल से जलापूर्ति की समयसीमा पर सरकार से जवाब मांगा। इसके जवाब में जलशक्ति मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह ने दावा किया है कि कोरोना संकट और विधानसभा चुनाव के कारण मिशन का काम कुछ धीमा हुआ था, लेकिन 2024 तक प्रदेश के हर घर को नल से जल उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर एक दिन में 1,20,821 घरों को नल से जल उपलब्ध कराकर रिकॉर्ड बनाया गया है।

जिला पंचायतों में नहीं हो रही विधायकों की सुनवाई
सपा विधायकों ने कहा कि भाजपा शासित जिला पंचायतों में सपा और रालोद के विधायकों के प्रस्तावों पर सुनवाई नहीं होती है। इतना ही नहीं, विधायकों को बैठकों की सूचना तक नहीं दी जाती है। इस पर पीडब्ल्यूडी मंत्री जितिन प्रसाद ने कहा कि जिला पंचायत पूरी तरह स्वायत्त संस्था है। इसलिए उसके कामकाज में सरकार दखल नहीं दे सकती। विधायक जगदीश नारायण के सवाल से उठे मुद्दे पर सपा विधायक अतुल प्रधान ने आरोप लगाया कि जिला पंचायतों में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हो रहा है। उन्होंने 1,200 रुपये की सोलर लाइट 3,200 रुपये में खरीदने के मामले की जांच कराने की मांग की

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