
पचास और साठ के दशक की मशहूर अभिनेत्री शकीला का 82 साल की उम्र में 20 सितंबर साल 2017 में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था। आज भी जब ‘बाबूजी धीरे चलना’ गाना बजता है तो लोगों के दिल-दिमाग में अभिनेत्री शकीला की यादें ताजा हो जाती हैं। शकीला को बॉलीवुड में पहचान गुरुदत्त की फिल्म ‘आर पार से मिली थी। इस फिल्म में उन्होंने अपने गाने ‘बाबूजी धीरे चलना’ से दर्शकों का खूब दिल जीता। इस गाने के अलावा भी उन्होंने बॉलीवुड में कई सुपरहिट गाने दिए।
शकीला का असली नाम बादशाह जहां था
बॉलीवुड में अपने पहले ही गाने से मशहूर हुईं शकीला का असली नाम बादशाह जहां था। शकीला अफगानिस्तान और ईरान के शाही परिवार से ताल्लुक रखती थीं। उन्होंने अपने करियर में कई सुपरहिट गाने दिए। बता दें कि शकीला का बचपन में पालन पोषण उनकी बुआ फिरोजा बेगम ने किया था। उनकी पुण्यतिथि के मौके पर हम उनके जीवन से जुड़ी कुछ दिलचस्प बाते आपको अपने इस आर्टिकल में बताएंगे।
फिल्में देखकर बढ़ा सिनेमा की तरफ रुझान
शकीला जब बच्ची थीं तो वो अक्सर अपनी बुआ फिरोजा बेगम के साथ फिल्में देखने के लिए जाया करती थीं। उनकी बुआ के कारण ही उनका फिल्मों की तरफ रुझान बढ़ा। फिल्में देख-देखकर उन्हें सिनेमा पसंद आने लगा। साल 1950 में आई फिल्म ‘दास्तान’ से शकीला ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की।
14 साल की उम्र में इतनी फिल्मों में किया काम
अभिनेत्री शकीला ने बहुत ही कम उम्र में फिल्म जगत में अपने करियर की शुरुआत की। मात्र 14 वर्ष की आयु में 72 फिल्मों में काम किया। दास्तान के अलावा उन्होंने गुमास्ता, खूबसूरत, राजरानी दमयंती, सलोनी, सिंदबाद द सेलर, आगोश और अरमान में बतौर बाल कलाकार अभिनय किया था। इसके बाद 1953 में आई फिल्म ‘मदमस्त’ से उन्होंने मुख्य अभिनेत्री के रूप में अपने सफर की एक नई शुरुआत की थी।
1963 में छोड़ा बॉलीवुड
शकीला ने एनआरआई बिजनेसमैन जॉनी बार्बर से शादी की और साल 1963 में उन्होंने फिल्में करना बंद कर दिया और अपने पति के साथ वह यूके में शिफ्ट हो गईं। बता दें कि अलीबाबा चालीस चोर की सफलता के बाद उनके पास फिल्मों की लाइन लग गई। 50 और 60 के दशक में उन्होंने सभी कलाकारों के साथ काम किया।
देवानंद के साथ भी किया काम
शकीला ने देव आनंद की फिल्म सीआईडी में भी काम किया। बाबूजी धीरे चलना गाने के अलावा ‘नींद न मुझको आये’ जैसा सुपरहिट गाना भी उन पर फिल्माया गया। उन्होंने ‘फेयरी क्वीन ऑफ इंडियन मूवीज’ जैसे टैग अपने नाम किए थे। 82 साल की शकीला को उनके बांद्रा स्थित घर पर दिल का दौरा पड़ा था। उन्हें पहले पास के एक अस्पताल में ले जाया गया लेकिन वहां भर्ती न हो पाने के कारण जुहू स्थित एक निजी अस्पताल ले जाया गया था जहां उन्होंने अंतिम सांस ली।
