सुप्रीम कोर्ट ने लखीमपुर खीरी में किसानों की गाड़ी से कुचल कर हत्या करने के मामले में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी और उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव मौर्य की भूमिका की जांच की मांग खारिज कर दी है।
चीफ जस्टिस यूयू ललित की अध्यक्षता वाली बेंच ने याचिकाकर्ता और बीएसएफ के बर्खास्त जवान तेज बहादुर यादव से कहा कि आपका इस मामले से कोई संबंध नहीं है। याचिकाकर्ता की ओर से वकील प्रदीप कुमार यादव के याचिका दाखिल की थी। याचिका में कहा गया था कि सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित एसआईटी को निर्देश दिया जाए कि वो टेनी और मौर्य को बतौर अभियुक्त उनकी भूमिका की जांच करे। याचिका में कहा गया था कि टेनी ने पीड़ितों को घटना के कुछ ही दिन पहले धमकाया था। याचिका में भारतीय दंड संहिता की धारा 149 को उद्धृत करते हुए कहा गया था कि लखीमपुर खीरी में किसानों और पत्रकार की हत्या एक सोची समझी साजिश के तहत की गई है।
लखीमपुर खीरी में तीन अक्टूबर को हुई हिंसा में आठ लोगों की मौत हो गई थी। इस मामले में दर्ज एफआईआर में अजय कुमार मिश्रा टेनी के पुत्र आशीष मिश्रा को आरोपित किया गया है। आशीष मिश्रा पर आरोप है कि उसकी गाड़ी से कुचलकर चार लोगों की मौत हो गई। आशीष मिश्रा की जमानत याचिका इलाहाबाद हाई कोर्ट खारिज कर चुका है। हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ आशीष मिश्रा ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।