आश्विन माह के समापन के दौरान एक बार फिर गंगा उफनाने लगी है। गंगा के जलस्तर में हो रही लगातार वृद्धि से घाटों के संपर्क मार्ग भी डूबने लगे हैं। सोमवार को सुबह आठ बजे गंगा का जलस्तर 65.20 मीटर दर्ज किया गया।
केन्द्रीय जल आयोग के अनुसार, जनपद में गंगा में बढ़ाव का रूख बना हुआ है। लगभग पांच सेमी प्रतिघंटा की रफ्तार से जलस्तर बढ़ रहा है। पिछले 12 घंटों में लगभग 73 सेमी जलस्तर में वृद्धि हुई है। गंगा में चेतावनी बिंदु 70.262 मीटर व खतरा बिंदु 71.262 मीटर है। लगभग 19 दिन बाद गंगा के जलस्तर में हो रहे वृद्धि से तटवर्ती क्षेत्र के लोगों को फिर बाढ़ की चिंता सताने लगी है। एक पखवाड़े पूर्व आई बाढ़ का दर्द उन्हें बेचैन करने लगा है।
बताया जा रहा है कि पहाड़ों पर लगातार बारिश से गंगा का जलस्तर बढ़ रहा है। एक दिन में दशाश्वमेध घाट की 10 से ज्यादा सीढ़ियां गंगा में समा गई हैं। सोमवार को हालांकि मौसम साफ और धूप होने से संभावना जताई जा रही है कि तेज बारिश नहीं होगी। हालांकि हल्की रिमझिम बारिश की संभावना बनी हुई है।
उधर, गंगा के जलस्तर में बढ़ाव से वरूणा नदी की लहरें भी फिर कारिडोर मार्ग पर पहुंच गई है। कारिडोर पर पहले से ही बाढ़ का सिल्ट और कई जगहों पर पानी लगा हुआ है। वरूणा किनारे रहने वाले भी इस पर निगाहें जमाए हुए हैं।