सुप्रीम कोर्ट ने यूक्रेन से लौटे मेडिकल छात्रों का दूसरे देशों में दाखिला आसान करने के लिए केंद्र सरकार को पोर्टल बनाने का सुझाव दिया है। इस मामले पर अगली सुनवाई 23 सितंबर को होगी।
केंद्र सरकार ने अपने जवाब में कहा है कि ये छात्र या तो नीट में कम अंक के चलते वहां गए थे या सस्ती पढ़ाई के लिए। इन छात्रों का भारत में दाखिला कानूनन संभव नहीं है। केंद्र सरकार ने कहा है कि ये छात्र यूक्रेन के कॉलेज से सहमति लेकर दूसरे देशों में डिग्री पूरी करें।
पांच सितंबर को सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से पेश सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि विदेश मंत्रालय यह विषय देख रहा है। हो सकता है कि छात्रों के लिए कुछ सकारात्मक कदम उठाया जाए। 26 अगस्त को कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि यह सरकार को तय करना है कि क्या भारत के कॉलेजों में इतनी जगह है और क्या नियमों के तहत इन्हें भारत में दाखिला दिया जा सकता है।
याचिका पार्थवी आहूजा और प्राप्ति सिंह ने दायर की है। याचिका में कहा गया है कि यूक्रेन में स्थिति सामान्य होने की अभी कोई संभावना नहीं है। हजारों छात्रों का भविष्य अधर में लटक गया है। यूक्रेन से लौटे छात्रों को प्रवेश नियमों में छूट देकर सरकारी और निजी कॉलेजों में जगह दी जाए। याचिका में कहा गया है कि यूक्रेन से लौटे छात्रों की पढ़ाई पूरी करने के लिए वहां के कॉलेज और यूनिवर्सिटी से समन्वय कर उन्हें भारत में अपनी पढ़ाई पूरी करने का दिशा-निर्देश जारी किया जाए।