महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक आपूर्ति मंत्री पीयूष गोयल से प्याज पर शुल्क और टैक्स रिफंड माफी का लाभ बढ़ाने का अनुरोध किया है। इस संबंध में उन्होंने गोयल को पत्र लिखा है।
केंद्रीय मंत्री गोयल को दिए गए पत्र में मुख्यमंत्री शिंदे का कहना है कि प्याज की कीमतों में गिरावट आने से प्याज किसानों को आर्थिक मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। इसलिए नाफेड के माध्यम से और दो लाख मीट्रिक टन प्याज की खरीदी कीमत स्थिरीकरण कोष (प्राइस स्टेबलाइजेशन फंड) के माध्यम से की जाए। महाराष्ट्र में प्याज किसानों की प्रमुख फसल है और देश के कुल उत्पादन का 35 से 40 प्रतिशत उत्पादन महाराष्ट्र में होता है। अच्छी बारिश के कारण वर्ष 2021-22 में प्याज का उत्पादन 136.70 लाख मीट्रिक टन हुआ जो पिछले वर्ष की तुलना में 20 लाख मीट्रिक टन अधिक था। कुल मिलाकर बाजार की कीमतों में भारी गिरावट आई है। इससे प्याज उत्पादकों में निराशा और बेचैनी का माहौल है। श्रीलंका बड़ी मात्रा में प्याज का आयात करता है, लेकिन वहां के आर्थिक संकट के कारण इस आयात में भी दिक्कतें आ रही हैं। अंतरराष्ट्रीय बाजार में लगातार बदलते हालात के कारण हमारे किसानों को निर्यात से अच्छी कीमत मिलना संभव नहीं है।
मुख्यमंत्री ने पत्र में लिखा है कि केंद्र सरकार ने भी निर्यात उत्पादों पर शुल्क और टैक्स माफी योजना (Remission of Duties and Taxes on Export Products- RoDTEP)) के तहत लाभ को 2 प्रतिशत के बजाय 10 प्रतिशत तक बढ़ाने के राज्य सरकार के अनुरोध को भी खारिज कर दिया है। यदि आपका मंत्रालय इस योजना में 10 प्रतिशत तक लाभ प्रदान करता है तो इससे किसानों को लाभ होगा। इसी तरह मुख्यमंत्री ने नाफेड से प्याज की मौजूदा खरीद को और 2 लाख मीट्रिक टन बढ़ाने का भी अनुरोध किया है। नाफेड इस साल अप्रैल से जून तक 2.38 लाख मीट्रिक टन प्याज पहले ही खरीद चुका है। दो लाख मीट्रिक टन और प्याज खरीदने से प्याज उत्पादकों को कीमत के मामले में राहत मिलेगी।