दुर्गा पूजा के अवसर पर पूजा और मेला के निमित्त सभी तैयारी पूजा समिति के द्वारा युद्धस्तर पर पूरा किया जा रहा है । इन्हीं तैयारियों की एक समीक्षा बैठक मंगलवार देर शाम सम्पन्न भैरोगंज बाजार में की गई है ।
दुर्गा पूजा समिति के संयोजक श्रीनारायण प्रसाद जयसवाल ने बताया कि एक जमाना ऐसा था ,जब भव्य रूप से दुर्गा-पूजा और मेला का आयोजन निकटवर्ती शहर रामनगर और बगहा में होता था । ईलाके से बड़ी संख्या में लोग और श्रद्धालु वहाँ जाते थे, जहाँ उन्हें तमाम तरह की परेशानियां भी झेलनी पड़ती थी, तब बर्ष 1977 में हमारे बुजुर्गो ने भैरोगंज में दुर्गा पूजा की एक अलग पहचान बनाने के साथ सम्पन्न करने की ठान ली और पूरा भी किया ।
यहाँ की पूजा को अलग पहचान देने के लिए यहाँ तमाम तरह के सांस्कृतिक मंचन के साथ कौव्वाली मुकाबला का मंचन करवाया गया था । करीब- करीब तब से लेकर आज तक यहाँ कौव्वाली का मुकाबला होता है, जो एक साम्प्रदायिक सौहार्द के मिसाल की तरह कायम है । बहरहाल, आगे पूजा समिति के अध्यक्ष लक्ष्मीनारायण प्रसाद जयसवाल ने बताया कि पिछले चार साल की उनकी अध्यक्षता के दरम्यान निर्विघ्न पूजा व मेला के आयोजन के प्रयास किये गये हैं । आगामी अवसर पर इसी तथ्य की पुनरावृत्ति की कोशिश है, इस अवसर पर तयशुदा कार्यक्रमों के बावत उन्होंने बताया कि आगामी 26 सितंबर से दशहरा का त्यौहार शुरू हो रहा है ।
जिसका समापन 5 अक्टूबर को विजयादशमी पर्व के उपरांत हो जाएगा, इस बीच भगवती दुर्गा के नौ रूप की पूजा-अर्चना, श्रद्धा-भक्ति के साथ संपन्न की जाती है । इसी दरम्यान प्रतिदिन दोपहर में रासलीला तथा रात्रि में रामलीला का मंचन तय है । उपरोक्त सांस्कृतिक मंचन श्री वृन्दावनधाम से पहुँचने वाली श्री आदर्श राजेश्वरी रासलीला एंव रामलीला सांस्कृतिक मंडली द्वारा प्रस्तुत की जायेगी, इसके अलावा तुलसीबाड़ा श्रीअयोध्याधाम से पहुँचने वाले महेंद्र दास वेदांती महाराज के प्रवचन रासलीला और रामलीला के मध्यकाल में अनवरत जारी रहेंगे, चूँकि 5 सितंबर को विजयादशमी के त्यौहार के साथ पूजा का समापन होगा और अगला दिन यानी 6 सितंबर किसी तरह के कार्यक्रम से रिक्त होगा, लेकिन सात सितंबर को कौव्वाली का कार्यक्रम नियत है, जिसमें कानपुर के मशहूर कौव्वाल महबूब ताज तथा महाराष्ट्र की कौव्वाला सन्ना जानबाज के बीच महामुकाबला तय है ।