लेखपालों ने तीन वर्ष से अतिरिक्त मानदेय का भुगतान न होने से कार्य बहिष्कार कर दिया है। जिससे कानपुर में आय, जाति निवास प्रमाण पत्र के लिए आनलाइन आवेदन करने वाले छात्र व आम जनता परेशान हो चुकी है। लेखपालों कहना है कि वर्ष 2015 से अबतक जो मानदेय मिलता था, वह भुगतान नहीं किया। इसके पीछे विभाग में बैठे जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही सामने आ रही है। कानपुर के तहसील सदर स्थित लेखपाल संघ कार्यालय में लेखपालों ने लिया कार्य बहिष्कार का फैसला।
उत्तर प्रदेश लेखपाल संघ के जिलाध्यक्ष नरेंद्र कुमार तिवारी ने बताया कि कई बार अधिकारियों को इस संबंध में वार्ता की गई। अब तक कुछ नहीं हुआ है। हालांकि एडीएम फाइनेंस राजेश कुमार ने बताया कि लेखपाल संघ से बात चल रही है।
नरेंद तिवारी ने बताया कि फरवरी 2019 से अभी तक आय, जाति, निवास प्रमाण पत्र प्रति आवेदन 5 रुपए, डाटा चार्ज, नैटपैक लैपटॉप को प्रति माह 251 रुपए, डोंगल डाटा कार्ड 1600 रुपए, स्मार्ट फोन डाटा चार्ज के लिए एक हजार रुपए, सामान्य निर्वाचन 2022 में बूथ व्यवस्था और केंद्र प्रबंधन के लिए प्रति केंद्र 345 रुपए का भुगतान भी अब तक नहीं किया गया है। इसके पीछे अधिकारियों पर लापरवाही का आरोप लगा रहें है।
भुगतान वर्ष 2015-16 व 2016-17 का क्राफ्ट कटिंग का भुगतान अब तक नहीं किया गया है। बीते रोज इस संबंध में एडीएम फाइनेंस से मुलाकात की गई थी। उन्होंने मांगों को पूरा कराए जाने का आश्वासन दिया था, लेकिन 1 नए पैसे का भी भुगतान नहीं किया गया। कानपुर में रोजाना लगभग एक हजार से ज्यादा आय, जाति और निवास प्रमाण पत्र जारी किए जाते हैं। प्रमाण पत्र सिर्फ ऑनलाइन ही बनते हैं और ऑनलाइन ही लेखपाल की रिपोर्ट के बाद जारी होते हैं। लेखपालों के कार्य बहिष्कार से इसका सीधा असर उन लोगों पर पड़ रहा है, जिन्होंने प्रमाणपत्र के लिए आवेदन किया था।