इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी सरकार से कहा है कि वह तहसीलों और मुख्यालयों के राजस्व लॉकअप की व्यवस्थाओं में सुधार करे। जिससे कि लॉकअप में आने वाले लोगों के मौलिक अधिकारों की रक्षा हो सके। कोर्ट ने अपने आदेश की प्रति मुख्य सचिव गृह और अपर मुख्य सचिव गृह को भेजने के निर्देश दिए। ताकि, आदेश का अनुपालन कराया जा सके।
कोर्ट ने सोनभद्र के राजस्व लॉकअप में हुई मौत के मामले में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। कहा कि यूपी सरकार की सहृदयता मानी जाएगी जब वह घटना के जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करेगी। यह आदेश न्यायमूर्ति सूर्य प्रकाश केसरवानी और न्यायमूर्ति सौरभ श्रीवास्तव ने नीरज दुबे व पांच अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है।
मामले में याची के पिता सुधारक प्रसाद दुबे को 10 लाख रुपये की वसूली के लिए अमीन और तहसीलदार द्वारा गिरफ्तार किया गया था। राबर्ट्सगंज स्थित राजस्व लॉकअप में 19 मई 2022 को उनकी मौत हो गई। डीएम द्वारा मजिस्ट्रेटी जांच बैठाई गई। याची ने मजिस्ट्रेटी जांच को चुनौती दी। याची की ओर से कहा गया कि जांच गंभीर रूप से नहीं की जा रही है। मामले को रफा-दफा करने की कोशिश की जा रही है।
कोर्ट ने मामले को गंभीर मानते हुए राज्य स्तर तक प्रतिवादियों का आचरण दृष्टया घोर कदाचार और कर्तव्य की अवहेलना माना। कहा कि जिम्मेदार अफसर सत्ता का दुरुपयोग कर रहे हैं और कानून के शासन को प्रभावित कर रहे हैं।
याची की ओर से इस मामले में उच्चाधिकारियों से शिकायत की गई लेकिन कोई परिणाम नहीं आया। जिम्मेदार अफसरों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। हिरासत में मौत के मुआवजे का भुगतान नहीं किया गया। याची ने याचिका के जरिये निष्पक्ष जांच की मांग की। कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए तहसील और मुख्यालयों के राजस्व लॉकअप में बुनियादी सुविधाओं को सुधारने का आदेश दिया।