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प्रयागराज पुलिस का गजब कारनामा, जेल भेजकर आरोपी का मुकदमे से निकाला नाम

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यूपी पुलिस

करेली में दर्ज किशोरी के अपहरण मामले की विवेचना में गजब खेल हुआ। आरोपी को जेल भेजने के बाद मुकदमे से उसका नाम ही निकाल दिया गया। चौंकाने वाली बात यह कि मुख्य आरोपी का नाम निकालने वाले विवेचक ने उसके माता-पिता के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी। करेली क्षेत्र में रहने वाली किशोरी कक्षा नौ की छात्रा है। 29 अगस्त को शाम पांच बजे वह घर से कोचिंग के लिए निकली और फिर नहीं लौटी। बहुत तलाशने पर भी उसका कुछ पता नहीं चला। 30 अगस्त को पिता ने करेली थाने में मोहल्ले के ही एक युवक पर बेटी को अगवा करने और उसके माता-पिता के खिलाफ गालीगलौज व धमकी देने के आरोप में नामजद रिपोर्ट दर्ज करा दी।

आरोप लगाया कि युवक उसकी नाबालिग बेटी को बहला फुसला कर ले गया। इसकी शिकायत करने पर उसके माता-पिता ने गालीगलौज करते हुए जान से मारने की धमकी दी। एक सितंबर को यानी मुकदमा दर्ज होने के तीसरे ही दिन पुलिस ने किशोरी को बरामद करते हुए आरोपी को जेल भेज दिया। लेकिन कोर्ट में बयान के दौरान किशोरी ने खुद के अपहरण के आरोप को गलत बता दिया। 

खेल यहीं से शुरू हुआ। इसके बाद विवेचना में किशोरी की आयु के संबंध में एक दूसरा प्रमाणपत्र शामिल किया गया, जिसके आधार पर उसकी आयु 18 वर्ष दिखाई गई। फिर आरोपी का नाम मुकदमे से निकाल दिया गया। जबकि, उसके मां-बाप के खिलाफ गालीगलौज व धमकी देने के आरोप में चार्जशीट दाखिल कर दी गई। मामला तब अफसरों के संज्ञान में आया जब उन्हें पता चला कि अब सीआरपीसी 169 के तहत रिपोर्ट भेजकर आरोपी को रिहा करवाने की तैयारी है। इसके बाद मामले की गोपनीय तरीके से जांच पड़ताल शुरू कर दी गई है।

हालांकि, इस मामले में अफसर कुछ बोलने को तैयार नहीं हैं। सीओ कोतवाली सत्येंद्र प्रसाद तिवारी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि प्रकरण की जानकारी नहीं है। लेकिन ऐसा कुछ है तो समीक्षा की जाएगी। लापरवाही की बात सामने आई तो उचित कार्रवाई की जाएगी।

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