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राममंदिर निर्माण में आएगा 1800 करोड़ का खर्च, सागौन से बनेंगे राम मंदिर के दरवाजे

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अयोध्या में सर्किट हाऊस में बैठक में मौजूद ट्रस्ट के अध्यक्ष, सदस्य और जिलाधिकारी

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की दो दिवसीय बैठक रविवार से शुरू हुई। हर तीन माह पर होने वाली ट्रस्ट की बैठक के पहले दिन मंदिर निर्माण के आय-व्यय को लेखा-जोखा प्रस्तुत किया गया। ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि पहले हमने अनुमान लगाया था कि मंदिर निर्माण में करीब 1000 करोड़ का खर्च आएगा। अब मंदिर की भव्यता को देखते हुए यह खर्च बढ़ गया है। कहा कि अनुमान के मुताबिक मंदिर निर्माण में करीब 1800 करोड़ खर्च होंगे। एक अनुमान के मुताबिक मंदिर निर्माण की प्रक्रिया में अब तक 400 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं।

बताते चलें कि राम मंदिर निर्माण के लिए देशभर के भक्तों द्वारा अब तक करीब 5500 करोड़ का दान श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को किया जा चुका है। मंदिर निर्माण के लिए दान का सिलसिला लगातार जारी है। नगदी व ऑनलाइन माध्यम से प्रतिदिन लाखों का दान मिल रहा है। विदेशों में रहने वाले भक्त अभी राम मंदिर निर्माण में अपना आर्थिक सहयोग नहीं कर पा रहे है, क्योंकि ट्रस्ट के पास अभी विदेशी चंदा लेने की सुविधा नहीं है। ट्रस्ट का कहना है कि राम मंदिर निर्माण में पैसे की कोई कमी नहीं होने वाली है।

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की बैठक में पेश हुआ आय-व्यय का लेखा-जोखा
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की दो दिवसीय बैठक रविवार से शुरू हुई। हर तीन माह पर होने वाली ट्रस्ट की बैठक के पहले दिन मंदिर निर्माण के आय-व्यय को लेखा-जोखा प्रस्तुत किया गया। साथ ही मंदिर की भव्यता व प्रगति को लेकर भी चर्चा हुई। राममंदिर परिसर में ही महर्षि बाल्मीकि, वशिष्ठ, विश्वामिश्र, अगस्त्य, निषादराज, शबरी व जटायु के भी मंदिर बनाए जाने पर भी सहमति बनी है। राममंदिर की मजबूती व भव्यता पर मंथन के बाद यह तय हुआ है कि मंदिर के दरवाजे सागौन की लकड़ी से बनेंगे।

बैठक से पहले मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने ट्रस्टियों के साथ रामजन्मभूमि परिसर में चल रहे मंदिर निर्माण कार्य की प्रगति भी देखी। इंजीनियरों ने उन्हें मंदिर निर्माण की प्रगति से अवगत कराया। इसके बाद दूसरे सत्र में अपराह्न तीन बजे से सर्किट हाउस में बैठक शुरू हुई। ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि राममंदिर निर्माण में कुल 14 दरवाजे बनाए जाने हैं। यह दरवाजे खास लकड़ियों से बनाए जाएंगे। जिन पर सुंदर डिजाइन होगी जो भव्यता बढ़ाएंगे। मंदिर के पहले तल में 13 दरवाजे लगेंगे। रामलला के गर्भगृह में एक बड़ा दरवाजा लगेगा। यह दरवाजे किन लकड़ियों के होंगे इनकी डिजाइन क्या होगी इसको लेकर भी ट्रस्ट की बैठक में मंथन किया गया है। तय हुआ कि मंदिर की चौखट व बाजू संगमरमर का होगी। दरवाजे महाराष्ट्र के जंगलों से सागौन की लकड़ियों से मंदिर से बनाए जाएंगे। टाटा ने मंदिर निर्माण के आय-व्यय का लेखा-जोखा भी ट्रस्टियों के समक्ष प्रस्तुत किया है।

कहा कि बैठक में महर्षि वशिष्ठ, महर्षि वाल्मीकि, महर्षि विश्वामित्र, महर्षि अगस्तय, निषादराज, माता शबरी व जटायु के लिए स्थान सुनिश्चित करने का निर्णय हुआ है। इनके भी मंदिर बनाए जाने पर सहमति बन गई है। बैठक में रामलला की एक बड़ी मूर्ति को लेकर भी चर्चा हुई। बड़ी मूर्ति पैडेस्टल सहित सात फीट ऊंची होगी। यह आसमानी नीले रंग की होगी। इसका निर्माण अयोध्या में ही किया जाएगा। इसकी भी सहमति बन गई है। कहा कि मंदिर के प्लिंथ का काम पूरा हो चुका है। बहुत जल्द ही गर्भगृह के स्तंभों को जोड़ने का काम प्रारंभ कर दिया जाएगा। तय समय सीमा के अनुसार ही मंदिर निर्माण का कार्य चल रहा है।

बैठक में शामिल हुए महंत नृत्य गोपाल दास
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की बैठक में अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास पहली बार शामिल हुए। सर्किट हाउस में वे व्हील चेयर पर बैठक में शामिल होने पहुंचे। इससे पूर्व भी वे एक दो बार ऑनलाइन बैठक से जुड़ चुके हैं, लेकिन बैठक में उनकी मौजूदगी रविवार को पहली बार रही। ट्रस्टियों द्वारा उन्हें मंदिर निर्माण की प्रगति से अवगत कराया गया। बैठक में ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय, कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरि, जगद्गुरु विश्वेशप्रपन्नतीर्थ, डॉ.अनिल मिश्र, कामेश्वर चौपाल, डीएम नितीश कुमार सहित ट्रस्ट व कार्यदायी संस्था के इंजीनियर शामिल रहे। केशव पारासरण, युगपुरुष परमानंद, बिमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र सहित सरकार के प्रतिनिधि बैठक में ऑनलाइन जुड़े रहे।

तैयार हो गई ट्रस्ट की नियमावली
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की नियमावली भी तैयार हो गई है। ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि ट्रस्ट की नियमावली को लेकर लंबे समय से विचार चल रहा था। इसका प्रारूप भी बना, इसको लेकर ट्रस्टियों सहित अन्य लोगों से राय व सुझाव भी लिए गए। अब जाकर सबकी सहमति से ट्रस्ट की नियमावली तैयार हो चुकी है।

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