प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार में विकास के पथ पर तेजी से अग्रसर बेगूसराय का रेलवे स्टेशन भी विश्व स्तरीय बनेगा। बिहार की औद्योगिक राजधानी बेगूसराय के जिला मुख्यालय स्थित रेलवे स्टेशन की एकीकृत पुनर्विकास के लिए रेलवे भूमि विकास प्राधिकरण (आरएलडीए) तेजी से काम कर रहा है।
आरएलडीए द्वारा तकनीकी सर्वे और डीपीआर बनाने का काम पूरा होते ही बेगूसराय स्टेशन को विश्वस्तरीय बनाने को लेकर काम शुरू हो जाएगा। इसके बाद ना केवल रेलवे स्टेशन की दिशा और दशा बदल जाएगी, बल्कि यात्रियों को हवाई अड्डा जैसी सेवा और सुविधा मिलेगी। बेगूसराय रेलवे स्टेशन का निरीक्षण करने आए सोनपुर मंडल के डीआरएम नीलमणि ने बताया कि आरएलडीए के द्वारा तकनीकी और डीपीआर बनाने का काम किया जा रहा है।
सर्वे पूरा होते इसे मूर्त रूप देने का काम रेलवे के द्वारा किया जाएगा। हालांकि कितने दिनों में यह प्रयास शुरू होगा इस पर डीआरएम कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दे पाए। स्टेशन का गहन निरीक्षण करने आए डीआरएम सैलून से उतरते ही सबसे पहले टिकट काउंटर पहुंचे, जहां यात्री आवागमन को लेकर निरीक्षण कर आगे पार्किंग स्टैंड पहुंचे। पार्किंग में उन्होंने रेट चार्ट और पार्किंग टोकन का जायजा लिया तथा स्थानीय अधिकारियों को पार्किंग में शिकायत मिलने की बात कही।
उन्होंने मुख्य द्वार के सामने सर्कुलेटिंग एरिया निर्माण कार्य, आरक्षण काउंटर एवं सुलभ शौचालय की व्यवस्था को लेकर जानकारी लेकर, अधिकारियों को विभिन्न दिशा-निर्देश दिया। इसके बाद वेटिंग हॉल में पहुंचे, जहां वेटिंग हॉल में बंद एसटीडी बूथ काउंटर को देखकर स्टेशन मास्टर को जमकर फटकार लगाई। डीआरएम ने कहा कि छोटे-छोटे कामों के लिए भी यहां के लोग संवेदनहीन बने हैं, बंद हो चुके एसटीडी बूथ को उठाकर बाहर करें।
प्लेटफार्म नंबर-एक के खान पान स्टॉल पर का निरीक्षण करने के बाद डीआरएम ने ए-ग्रेड वेटिंग हॉल, टिकट काउंटर कक्ष का भी निरीक्षण किया। इस दौरान स्थानीय रेल यात्रियों की समस्याएं और स्टेशन से जुड़े सवालों से भी रूबरू हुए। इस दौरान लोगों ने बेगूसराय होकर हावड़ा के लिए सुपर फास्ट ट्रेन देने, बेगूसराय स्टेशन से थ्रू गुजरने वाली एक दर्जन ट्रेनों का ठहराव प्रदान करने, बेगूसराय-मुंगेर-भागलपुर रेल में दिन में ट्रेन चलाने तथा 15203 एवं 15204 बरौनी-लखनऊ ट्रेन का भागलपुर तक विस्तार करने की मांग किया।
इसपर डीआरएम ने कहा कि ट्रेन के ठहराव, विस्तार एवं नई ट्रेन चलाने के लिए स्थानीय सांसद की अनुशंसा, रेल मंत्री का आदेश एवं रेलवे बोर्ड के अधिकारियों के अप्रूवल पर ही कुछ हो सकता है।