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Export Duty: आज से गैर-बासमती चावल के निर्यात पर देना होगा 20 फीसदी शुल्क, घरेलू आपूर्ति बढ़ाने में मिलेगी मदद

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Govt Imposes 20 Percent Duty On Export Of Non-basmati Rice From Today – Export  Duty: आज से गैर-बासमती चावल के निर्यात पर देना होगा 20 फीसदी शुल्क, घरेलू  आपूर्ति बढ़ाने में मिलेगी

राजस्व विभाग ने एक अधिसूचना में कहा कि मौजूदा खरीफ सीजन में धान फसल का रकबा काफी घट गया है। ऐसे में घरेलू आपूर्ति बढ़ाने के लिए सरकार ने यह कदम उठाया है। कृषि मंत्रालय के अनुसार, कुछ राज्यों में बारिश कम होने से मौजूदा खरीफ सीजन में अब तक धान का बुवाई क्षेत्र 5.62 फीसदी घटकर 383.99 लाख हेक्टेयर रह गया है।

सरकार ने मौजूदा खरीफ सीजन में धान की फसल के रकबे में गिरावट के बीच बृहस्पतिवार को गैर-बासमती चावल के निर्यात पर 20 फीसदी शुल्क लगा दिया। यह शुल्क 9 सितंबर से लागू होगा। हालांकि, उबले और बासमती चावल के निर्यात को इस प्रतिबंध से बाहर रखा गया है।राजस्व विभाग ने एक अधिसूचना में कहा कि मौजूदा खरीफ सीजन में धान फसल का रकबा काफी घट गया है। ऐसे में घरेलू आपूर्ति बढ़ाने के लिए सरकार ने यह कदम उठाया है। कृषि मंत्रालय के अनुसार, कुछ राज्यों में बारिश कम होने से मौजूदा खरीफ सीजन में अब तक धान का बुवाई क्षेत्र 5.62 फीसदी घटकर 383.99 लाख हेक्टेयर रह गया है। चावल के वैश्विक व्यापार में भारत का हिस्सा 40% है। भारत ने 2021-22 में 2.12 करोड़ टन चावल निर्यात किया था। इस दौरान 150 से अधिक देशों को 6.11 अरब डॉलर का गैर-बासमती चावल निर्यात किया गया था।
काफी कम दाम पर विदेश में बेचा जा रहा था चावल
अखिल भारतीय चावल निर्यातक संघ के पूर्व अध्यक्ष विजय सेतिया ने निर्यात शुल्क लगाने के फैसले का स्वागत किया। उन्होंने कहा, भारतीय चावल का निर्यात काफी कम कीमत पर हो रहा था। निर्यात शुल्क से गैर-बासमती चावल के निर्यात में 20 से 30 लाख की कमी आएगी। सरकार के इस कदम से निर्यात से प्राप्ति पर कोई असर नहीं पड़ेगा। वहीं, संघ के वर्तमान अध्यक्ष नाथी राम गुप्ता ने कहा कि देश के दक्षिणी हिस्सों से कच्चे चावल का निर्यात प्रभावित होगा, लेकिन उबले चावल का निर्यात बढ़ सकता है।

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