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पीयूष गोयल कल लॉस एंजिल्स में भारत-प्रशांत आर्थिक फोरम (आईपीईएफ) मंत्रालयी बैठक में भाग लेंगे

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उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण तथा कपड़ा मंत्री पीयूष गोयल अमेरिका के अपने दौर के दूसरे चरण को जारी रखेंगे तथा आज भारत-प्रशांत आर्थिक फोरम (आईपीईएफ), अमेरिका- भारत रणनीतिक साझीदारी फोरम (यूएसआईएसपीएफ) बैठक तथा अन्य महत्वपूर्ण कार्यक्रमों की व्यक्तिगत मंत्रालयी बैठक में भाग लेने के लिए लॉस एंजिल्स का दौरा करेंगे।

इससे पहले, आज गोयल ने ‘इंडायसपोरा’ के साथ आयोजित लॉन्‍च के दौरान उनसे परस्पर बातचीत की।

बाद में, आईपीईएफ मंत्रालयी बैठक से पूर्व मीडिया के साथ परस्पर बातचीत करते हुए श्री पीयूष गोयल ने कहा कि आईपीईएफ में चर्चा सदस्य देशों के साथ एक-दूसरे की साझीदारी में काम करने के अवसरों को खोलने पर केंद्रित रहेगी जिससे कि यह सुनिश्चित किया जा सके कि विशेष रूप से, चुनौतियों और कठिन समय के दौरान आपूर्ति श्रृंखलाएं खुली रहें और देशों के व्यवसाय तथा लोग कोविड और संघर्ष जैसी अराजक स्थितियों के कारण प्रभावित न हों और भारत-प्रशांत क्षेत्र व्यवसाय के लिए सुरक्षित तथा खुला रह सके।

आईपीईएफ को एक नई तथा अनूठी पहल एवं नियम- आधारित, समान विचारधारा वाले देशों, जिनकी पारदर्शी आर्थिक प्रणालियां हैं, के बीच एक साझीदारी करार देते हुए श्री गोयल ने कहा कि आईपीईएफ यह सुनिश्चित करने के लिए काम करेगा कि भारत-प्रशांत क्षेत्र व्यवसाय के लिए सुरक्षित और खुला रह सके।

इसके बारे में और अधिक जानकारी देते हुए, श्री गोयल ने कहा कि आईपीईएफ मंत्रालयी बैठक में, चर्चाएं खुले व्यापार को सुगम बनाने, आपूर्ति श्रृंखलाओं को खुली रखने पर केंद्रित रहेंगी। उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे आईपीईएफ देशों के साथ व्यापारिक संबंधों का विस्तार होगा, भारत से तथा भारत में, दोनों प्रकार के निवेशों में तेजी आएगी। उन्होंने यह भी कहा कि कल बैठक में भाग लेने वाले सभी देशों के पास व्यापार, निवेश और प्रौद्योगिकी के मामले में एक-दूसरे को प्रस्तुत करने के लिए बहुत कुछ है और हम सभी मोर्चों पर मिल कर काम करेंगे।

एक प्रश्न का उत्तर देते हुए श्री गोयल ने कहा कि अमेरिका और भारत के बीच बहुत अच्छे और मजबूत व्यापारिक संबंध हैं। अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझीदार है और कई भारतीय कंपनियां अमेरिका में अपनी समकक्ष कंपनियों के लिए बहुत काम करती हैं। उन्होंने कहा कि अमेरिका से भारत में काफी निवेश हो रहा है।

यह देखते हुए कि अमेरिका और भारत एक-दूसरे के निकट आ रहे हैं, श्री गोयल ने कहा कि दोनों देशों के संबंध अब दो क्वाड- एक जापान और ऑस्ट्रेलिया के साथ तथा दूसरा इजरायल और यूएई के साथ- के माध्यम से दिनों दिन सुदृढ़ होते जा रहे हैं। भारत और अमेरिका के बीच 2 प्लस 2 मंत्रालयी संवाद मजबूत और जीवंत हैं तथा भू-राजनीतिक और संवेदनशील क्षेत्रों सहित कई क्षेत्रों में हमारे संबंध विस्तारित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के नेता, दोनों देशों की कंपनियां और दोनों देशों के लोग पहले की तुलना में अधिक निकट हैं।

पिछले आठ वर्षों में, संघर्ष, मुद्रास्फीति, मंदी के खतरे और महामारी और रिकॉर्ड एफडीआई की चुनौतियों के बावजूद 675 बिलियन डॉलर के बराबर के विदेश व्यापार जैसी अंतरराष्ट्रीय क्षेत्र की कुछ उल्लेखनीय उपलब्धियों को रेखांकित करते हुए श्री गोयल ने विश्वास जताया कि विशाल बाजार, ईमानदार सरकार और पारदर्शी आर्थिक नीतियों, कानून प्रणाली, जीवंत मीडिया और न्यायपालिका के कारण भारत दुनिया के देशों के लिए एक पसंदीदा व्यापारिक साझीदार और निवेश गंतव्य बन गया है और भविष्य में भी ऐसा बना रहेगा। उन्होंने कहा कि इससे भारत के लोगों के कल्याण में वृद्धि होगी, रोजगार उपलब्ध होगा, आर्थिक कार्यकलापों को बल मिलेगा और इस प्रकार विकास में तेजी आएगी।

श्री गोयल ने भारतीय कंपनियों के साथ और अधिक सहयोग बढ़ाने के लिए सेमीकंडक्टर क्षेत्र की शीर्ष विनिर्माता कंपनियों और प्रयोगशालाओं के साथ भी परस्पर बातचीत की। उन्होंने लैम रिसर्च के सीईओ श्री टिम आर्चर के साथ मुलाकात की।

इस मुलाकात के बाद उन्होंने ट्वीट किया ‘‘युवा और कुशल कार्यबल के हमारे पूल के आधार पर हमने चर्चा की कि किस प्रकार लैम रिसर्च का सहयोग हमें भारत में सेमीकंडक्टर नवोन्मेषण में अग्रणी स्थिति प्राप्त करने में मदद कर सकता है।’’

इसके बाद, श्री गोयल ने मेडैन टेक्नोलॉजी सेंटर का दौरा किया और ऐप्लायड मैटेरियल्स के अध्यक्ष और सीईओ श्री गैरी डिकर्सन से मुलाकात की।

‘हमने इस पर विचार किया कि किस प्रकार विश्व की सबसे बड़ी सेमीकंडक्टर कंपनियां भारत के सेमीकंडक्टर एवं सोलर विनिर्माण परितंत्रों को और अधिक सुदृढ़ बना सकती हैं।’’

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