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विश्व प्रसिद्ध तीर्थस्थल अंबाजी में भद्रवी महामेला में बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। पूरा शहर जय अम्बे और बोल माड़ी अम्बे…..के जयघोष से गूंज रहा है। अंबाजी की ओर जाने वाले सभी रास्तों पर पैदल चलने वालों की भीड़ उमड़ रही है। जिला प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए हैं। तीर्थयात्री ट्रस्ट ने अंबाजी में तीन स्थानों पर निःशुल्क भोजन की सुविधा की है।
अंबाजी मंदिर में मां के दर्शन के लिए आतुर श्रद्धालु लगातार दूर-दूर स्थानों से पहुंच रहे हैं। मंदिर में श्रद्धालुओं के ध्वजारोहण का सिलसिला लगातार जारी है। चाचर चौक पर श्रद्धालुओं की भक्ति की चरम पर है। अंबाजी भद्रवी महामेला में दूरस्थ क्षेत्रों से पैदल आने वाले तीर्थयात्री पूरे उत्साह, श्रद्धा और भक्ति के साथ जुमी व गरबा खेलते दिखाई दे रहे हैं।
मेला में भारी भीड़ को नियंत्रित करने के लिए जिला प्रशासन ने सुविधा और सुरक्षा के लिए व्यापक प्रबंध किए हैं। बनासकांठा जिला कलेक्टर व अंबाजी देवस्थान ट्रस्ट के अध्यक्ष आनंद पटेल के मार्गदर्शन में लाखों भक्तों की सेवा और सुविधाओं के लिए व्यापक सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। श्री अंबाजी देवस्थान ट्रस्ट के अधिकारी व कर्मचारी के साथ जिला प्रशासन ने मंदिर परिसर से लेकर नगर में सफाई, सुरक्षा आदि के लिए दिन-रात तीन पारियों में कर्मी तैनात किए है। तीर्थयात्री ट्रस्ट ने अंबाजी में तीन स्थानों पर निःशुल्क भोजन की सुविधा की है। अंबाजी मेले की सुरक्षा के लिए 325 से अधिक सीसीटीवी कैमरे और पांच हजार पुलिसकर्मी तैनात किए हैं। पूरे शहर और मेला परिसर को साफ रखने के लिए 700 सफाईकर्मी कार्य में लगे हैं।
अंबाजी महामेला में सुरक्षा और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए बनासकांठा जिला पुलिस अधीक्षक अक्षयराज मकवाना के नेतृत्व में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। मेले की सुरक्षा के लिए 325 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरे, 10 पीटीजेड कैमरे, 48 बॉडी वियर कैमरे, 35 निजी कैमरामैन और 13 वॉच टावर पूरे मेला परिसर पर कड़ी नजर रखे हुए हैं। क्षेत्र में पांच सौ से अधिक स्थानों पर पांच हजार पुलिसकर्मी तैनात हैं। इसके अलावा पैदल आने वालों के लिए 48 पुलिस सहायता केंद्र शुरू किए गए हैं। महिलाओं की सुरक्षा के लिए एक एसएचई टीम बनाई गई है।
अंबाजी दर्शन के लिए आने वाले तीर्थयात्रियों में अधिकांश श्रद्धालु गब्बर पर्वत के दर्शन करने जा रहे हैं।माताजी की मूल जन्मस्थली की मान्यता वाले गब्बर पर्वत पर भी माई भक्तों की भारी भीड़ देखी जाती है।गब्बर पर्वत तक जाने के लिए रोपवे की भी व्यवस्था है। गब्बर पर्वत और पैदल मार्ग पर भी जिला प्रशासन और अंबाजी देवस्थान ट्रस्ट ने व्यापक सुविधाएं उपलब्ध कराई हैं।