आधुनिक हिन्दी के पितामहः आधुनिक हिन्दी साहित्य के पितामह भारतेंदु हरिश्चंद्र का जन्म 9 सितंबर 1850 को वाराणसी में हुआ। उनका मूल नाम हरिश्चंद्र था और भारतेंदु उनकी उपाधि। हालांकि उन्हें केवल 34 साल की आयु मिली लेकिन इस अल्पावधि में हिन्दी में उन्होंने गद्य से लेकर कविता और नाटक व निबंध से लेकर पत्रकारिता तक ऐसी स्वर्णरेखा खींच दी कि उस काल को `भारतेंदु युग’ का नाम दिया गया।
भारतेंदु हरिश्चंद्र को आधुनिक हिन्दी का जनक माना जाता है। ब्रिटिश राज में अंग्रेजी, फारसी और ब्रजभाषा के वर्चस्व के दौर में उन्होंने खड़ी बोली का विकास किया जिसमें उन्होंने भाषा के साथ साहित्य में नवीन आधुनिक चेतना का समावेश कर उसे आम जन से जोड़ा। उनकी रचनाओं में श्रृंगार, भक्ति, सामाजिक समस्या, राष्ट्रप्रेम, महिला सशक्तिकरण की प्रधानता साफ तौर पर परिलक्षित होती है। उनके गद्य की भाषा सरल है और मुहावरों का कुशलतापूर्वक इस्तेमाल किया गया है।
उनका मानना था कि अपनी भाषा से ही वास्तविक उन्नति संभव है क्योंकि यही तमाम उन्नतियों का आधार है। इसे उन्होंने इसे रेखांकित करते हुए लिखा- `निज भाषा उन्नति अहै, सब उन्नति को मूल, बिनु निज भाषा-ज्ञान के, मिटत न हिय को सूल।’
अन्य अहम घटनाएं:
1449: टुमु के किले की लड़ाई में मंगोलियाई सेनाओं ने चीन के सम्राट को बंधक बनाया।
1776: अमेरिकी संसद कांग्रेस ने देश का नाम यूनाइटेड कॉलोनीज से बदल कर आधिकारिक रूप से संयुक्त राज्य अमेरिका किया।
1791: अमेरिका की राजधानी का नाम राष्ट्रपति जॉर्ज वाशिंगटन के नाम पर वाशिंगटन रखा गया।
1828: रूसी उपन्यासकार लियो टॉल्सटॉय का जन्म।
1909: फिल्म अभिनेत्री लीला चिटनिस का जन्म।
1915: भारतीय क्रांतिकारी जतिंद्रनाथ सान्याल और अंग्रेजों के बीच उड़ी के काप्टेवाड़ा में संघर्ष।
1920: अलीगढ़ का एंग्लो ओरिएंटल कॉलेज अलीगढ़ मुस्लिम विवि में रूपांतरित किया गया।
2012: श्वेत क्रांति का जनक वर्गीज कुरियन का निधन।
2012: भारतीय स्पेस एजेंसी ने सबसे भारी विदेशी सैटेलाइट को कक्षा में स्थापित किया।