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राजपथ हुआ ‘कर्तव्यपथ’, एनडीएमसी परिषद ने बदला नाम

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Kartavya Path Proposal To Change The Name Of Rajpath To Duty Path In NDMC  Passed | दिल्ली का राजपथ अब होगा 'कर्तव्यपथ', NDMC की बैठक में प्रस्ताव  पास, कल पीएम मोदी करेंगे

राष्ट्रपति भवन से लेकर इंडिया गेट तक जाने वाले मार्ग राजपथ का नाम बदलकर ‘कर्तव्यपथ’ कर दिया गया है।

केन्द्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय की ओर से राजपथ का नाम बदले जाने का प्रस्ताव प्राप्त हुआ था। इस प्रस्ताव को आज सुबह एनडीएमसी परिषद की हुई बैठक में बदल दिया गया।

नई दिल्ली के जय सिंह मार्ग स्थित एनडीएमसी मुख्यालय में हुई बैठक में मीनाक्षी लेखी, सतीश उपाध्याय, कुलजीत चहल समेत लगभग सभी सदस्य बैठक शामिल हुए। इस बैठक में राजपथ का नाम बदलने के प्रस्ताव पर चर्चा हुई और फिर प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया।

केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने कहा कि आजादी के बाद औपनिवेशिक मानसिकता को आगे बढ़ाया गया। राजपथ बताता है कि आप ‘राज’ के लिए आए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। इसी सिलसिले साम्राज्यवादी नीतियों, प्रतीकों को खत्म करना होगा। इसलिए राजपथ का नाम बदलकर कर्तव्यपथ कर दिया गया है।

अब ‘इंडिया गेट पर नेताजी की प्रतिमा से लेकर राष्ट्रपति भवन तक पूरा मार्ग और क्षेत्र कर्तव्य पथ के नाम से जाना जाएगा।’ ब्रिटिश काल में राजपथ को किंग्सवे कहा जाता था।

बताया जाता है कि जब से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से गुलामी की हर चीज से मुक्त होने की बात कही है, तभी से राजपथ के नाम बदलने पर भी मंथन शुरू हो गया था। प्रधानमंत्री गुरुवार को कर्तव्यपथ और उसके आसपास के क्षेत्र के पुनर्विकास कार्य के बाद तैयार हुए सेंट्रल विस्टा एवेन्यू का उद्घाटन करेंगे।

राजपथ का इतिहास :

एनडीएमसी के पूर्व अधिकारी व लुटियंस दिल्ली पर कई किताबें लिख चुके मदन थपलियाल बताते हैं, रायसीना हिल्स पर स्थित राष्ट्रपति भवन से लेकर इंडिया गेट तक जाने वाली तीन किलोमीटर लंबी सड़क बुधवार सुबह तक राजपथ के नाम से जाना जाता था। 1955 से पहले यह सड़क किंग्सवे के नाम से जानी जाती थी। जहां सिर्फ राजाओं को ही जाने की इजाजत हुआ करती थी।

ब्रिटिश काल में ब्रिटिश शासकों के अहम अधिकारी ही इस रास्ते से जाया करते थे। अंग्रेजों ने किंग जॉर्ज पंचम के सम्मान में राजपथ का नाम किंग्सवे रखा था। जो साल 1911 में दिल्ली दरबार में हिस्सा लेने के लिए आए थे। कहा जाता है कि इसी वक्त दिल्ली को भारत की राजधानी बनाया गया था और इससे पहले भारत की राजधानी कोलकाता हुआ करती थी। इस वक्त इस किंग्सवे का मतलब राजा का रास्ता से था।

वर्ष 1947 में जब भारत को अंग्रेजों से आजादी मिली तो भारत में काफी सुधार हुए। अंग्रेजों का गुणगान करने वाले स्थानों का नाम बदला गया और कई जगहों को आम नागरिकों के लिए खोला गया। इसमें राजपथ भी शामिल था। भारत 1947 में आजाद हुआ और जवाहर लाल नेहरू देश के प्रधानमंत्री बने। उन्होंने साल 1955 में इस किंग्सवे का नाम बदलने का फैसला किया और इसका नाम राजपथ किया गया। इसका नाम राज यानी लोकतंत्र से जोड़कर रखा गया। बता दें कि इसके पास ही एक सड़क है, जिसका नाम जनपथ है।

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