चमोली जिले के खेल प्रेमियों की ओर से बुधवार को उत्तराचंल ओलम्पिक एसोसिएशन की ओर से 12 से 18 फरवरी 2004 के मध्य विभिन्न जिलों में करवाये ओलम्पिक खेलों में एसोसिएशन के तत्कालीन अध्यक्ष राजीव मेहता और उनकी धर्मपत्नी दीपा मेहता की ओर से की कई कथित वित्तीय अनियमितताओं को लेकर थाना गोपेश्वर में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करायी है।
चमोली जिले के खेल प्रेमी हेम पुजारी, हेम दरमोडा, अशोक रावत, अंकोला पुरोहित ने कहा कि उत्तराखंड के प्रथम ओलम्पिक खेलों के आयोजन के लिए सरकार की ओर से 15 लाख की धनराशि 11 मार्च 2004 को उत्तराचंल ओलम्पिक एसोसिएशन को अनुदान की राशि दी गई थी। उनका आरोप है कि इसमें से छह लाख की धनराशि तत्कालीन अध्यक्ष राजीव मेहता ने अपने व्यक्तिगत खाते और पांच लाख रुपये अपनी पत्नी के खाते में स्थानांतरित कर इस राशि का गबन किया गया है।
उन्होंने कहा कि पूर्व में इस संबंध में एक शिकायती पत्र खेल विभाग को दिया गया था जिसमें प्राथमिक जांच में यह आरोप सिद्ध होने की पुष्टि हुई है। उनका यह भी कहना है कि शिकायत के बाद तत्कालीन अध्यक्ष राजीव मेहता और उनकी पत्नी की ओर से उत्तराखंड खेल विभाग के समक्ष विभिन्न जिलों से खेलों में प्रतिभाग करने वाले प्रतिभागियों की सूची के साथ उपयोगिता प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया गया। जब इस सूची का सत्यापन सरकार की ओर से जिलाधिकारियों के माध्यम से करवाया गया तो अधिकांश जिलों की ओर से दी गई रिपोर्ट में खिलाड़ियों के प्रतिभाग न होने की पुष्टि होना भी सामने आया है।
उनका यह भी आरोप है कि राजीव मेहता और उनकी पत्नी ने चमोली जिले से भी फर्जी टीमों के ओलम्पिक खेलों में प्रतिभाग करने की बात सामने आयी है। यहां तक की चमोली जिले में जिन खेलों को करवाया ही नहीं जाता है उन खेलों में भी प्रतिभागियों को फर्जी तौर से प्रतिभाग करना दिखाया गया है। जो कि प्रतिभाओं का हनन है। उन्होंने थाना गोपेश्वर में एफआईआर दर्ज कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई किये जाने की मांग की है।