भारतीय संस्कृति के संवाहक, प्रख्यात शिक्षाविद, देश के प्रथम उपराष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति भारत रत्न डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को उनकी जयंती पर सोमवार को शिक्षक दिवस के रूप में श्रद्धापूर्वक याद किया जा रहा है।
इस अवसर पर सभी सरकारी और निजी शिक्षण संस्थान के अलावे शिक्षा से जुड़े विभिन्न संघ-संगठनों द्वारा कार्यक्रम आयोजित किया कर उन्हें नमन किया जा रहा है। शहीद सुखदेव सिंह समन्वय समिति द्वारा सर्वोदय नगर के सुखदेव सभागार में शिक्षक अमरेंद्र कुमार सिंह की अध्यक्षता में 134 वी जयंती शिक्षक दिवस के रूप में मनाई गई।
मौके पर माध्यमिक माध्यमिक शिक्षक संघ के पूर्व जिला सचिव गणेश प्रसाद सिंह ने कहा कि सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म आज ही के दिन 1888 को मद्रास मे हुआ। 21 वर्ष की उम्र में प्रेसिडेंसी कॉलेज मे शिक्षक बने और कोलकाता आ गए। डॉ. राधाकृष्णन ने छात्रों को आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई तथा भारत के रत्न थे। वे महान शिक्षाविद, महान दार्शनिक, महान वक्ता के साथ-साथ सुविख्यात हिंदू विचारक भी थे। अपने जीवन में वे 40 वर्ष तक शिक्षक रहे।