कहर के चरम पर पहुंची गंगा में गुरुवार सुबह से घटाव शुरू हो गया है। इसके बाद प्रशासनिक अधिकारियों ने चैन की सांस ली। हालांकि गंगा अभी खतरा बिंदु से करीब दो मीटर ऊपर बह रही है। घटाव के बाद भी प्रभावित क्षेत्र के लोगों की दिक्कतें कम नहीं हुयी हैं। उधर, घाघरा (सरयू) का जलस्तर बढ़ने लगा है। नदी अभी खतरा बिंदु से 51 सेमी नीचे है।
गायघाट गेज पर पिछले 27 घंटे के ठहराव के बाद गंगा नदी में गुरुवार सुबह सात बजे धीमी गति का घटाव शुरू हो गया है। शाम तीन बजे जलस्तर 59.680 मीटर रिकार्ड किया गया। गंगा अब भी अपने हाई फ्लड लेवल से मात्र 71 सेमी नीचे बह रही है। दर्जन भर गांवों के घरों में अब भी कमर से ऊपर तक पानी भरा है। जानकारों के अनुसार बस्तियों से पानी निकलने में अभी दो से तीन दिन का वक्त लग सकता है। साथ ही बाढ़ के पानी के के साथ आए मलबों की सफाई में भी दो दिन से अधिक का समय लगने का अनुमान है। बाढ़ पीड़ितों के अनुसार नदी के लगातार घटाव पर रहने के बाद भी करीब एक सप्ताह बाद राहत मिलने की उम्मीद नहीं है।
उधर, गंगा के नरम पड़ते ही घाघरा का तेवर एक बार फिर तल्ख हो गया है। सुबह आठ बजे डीएसपी हेड पर घाघरा का जलस्तर 63.25 मीटर दर्ज किया गया। यहां खतरा बिन्दु 64.01 मीटर है। नदी में पिछले 16 घंटे के बीच 53 सेमी की बेतहाशा वृद्धि दर्ज की गयी।