Search
Close this search box.

गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध के बाद अब चीनी निर्यात सीमित कर सकती है सरकार

Share:

चीनी के लोगो का फाइल फोटो 

 

रूस-यूक्रेन जंग के बीच गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के बाद चीनी के निर्यात को भी सरकार सीमित रखने की तैयारी कर रही है। सरकार पर्याप्त घरेलू आपूर्ति सुनिश्चित करने और कीमत को नियंत्रित करने के लिए गत 6 साल में पहली बार चीनी का निर्यात एक करोड़ टन तक सीमित रख सकती है।

मंगलवार को आधिकारिक सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक चीनी के निर्यात पर प्रतिबंध की अधिसूचना एक या दो दिन जारी कर दी जाएगी। दरसअल, चीनी मिलों ने चालू चीनी विपणन वर्ष 2021-22 (अक्टूबर-सितंबर) में अबतक 90 लाख टन चीनी के निर्यात का अनुबंध किया है। इसमें से 75 लाख टन चीनी का निर्यात किया जा चुका है। इससे पहले चीनी विपणन वर्ष 2020-21 में भारत ने 70 लाख टन चीनी का निर्यात किया था।

सूत्रों ने बताया कि सरकार की प्राथमिकता सबसे पहले घरेलू जरूरतों को करना, कीमत को नियंत्रण में रखना और अतिरिक्त मात्रा बचने पर ही निर्यात की अनुमति देना है। ऐसे में सरकार अगामी चीनी विपणन वर्ष 2022-23 के पहले दो महीनों में चीनी की मांग को पूरा करने के लिए इसकी सीमा निर्धारित कर सकती है। देश में चीनी की जरूरत सितंबर, 2022 के अंत में 60 लाख टन के पिछले बचे स्टॉक की होगी।

उल्लेखनीय है कि दुनिया में ब्राजील के बाद भारत दूसरा सबसे बड़ा चीनी उत्पादक और निर्यातक देश है। भारत से सबसे अधिक मात्रा में चीनी इंडोनेशिया, अफगानिस्तान, श्रीलंका, बांग्लादेश, संयुक्त अरब अमीरात, मलेशिया और अफ्रीकी देश खरीदते हैं। वहीं, भारत में उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और कर्नाटक सबसे बड़े चीनी उत्पादक राज्य हैं। इन तीन राज्यों में देश की कुल चीनी का 80 फीसदी उत्पादन होता है।

आशा खबर / उर्वशी विश्वकर्मा

Leave a Comment

voting poll

What does "money" mean to you?
  • Add your answer

latest news