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लखनऊ समेत 59 शहरों में जल्द लागू होगा जीआईएस आधारित मास्टर प्लान, कई प्रावधान होंगे सरल

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प्रतीकात्मक तस्वीर

इसके लागू होने पर संबंधित शहरों में लोकेशन के आधार पर किसी खास क्षेत्र या भूमि के भू उपयोग का पता घर बैठे लगाया जा सकेगा। संबंधित जिलों ने प्रस्तावित मास्टर प्लान के बारे में सुझाव व आपत्ति का निस्तारण कराने के बाद प्रस्ताव शासन को भेजना शुरू कर दिया है।

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ समेत 59 शहरों के लिए जीआईएस आधारित मास्टर प्लान तैयार करने का काम अंतिम चरण में है। कुछ तकनीकी प्रक्रिया पूरी करने के बाद इसे लागू किया जाएगा। इसमें कम भूमि में भी ऊंची इमारत बनाने और मिश्रित भू उपयोग जैसे कई प्रावधान किया जा रहे हैं। प्लान वर्ष 2031 तक की जरूरतों को देखते हुए तैयार किया गया है।

गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने प्रदेश में अटल मिशन फॉर रिजूवेशन एंड अर्बन ट्रांसफार्मेशन (अमृत) से संबंधित 59 शहरों के लिए अलग से जीआईएस आधारित महायोजना (मास्टर प्लान) तैयार करने को कहा था। जिससे इन जिलों का सुनियोजित तरीके से विकास किया जा सके। इसी कड़ी में आवास विभाग ने जीआईएस आधारित मास्टर प्लान करने की प्रक्रिया शुरू की। अमृत वाले जिन शहरों के लिए मास्टर प्लान तैयार किए जा रहे हैं, उनमें 34 विकास प्राधिकरण और 25 विनियमित क्षेत्र वाले (जहां विकास प्राधिकरण का गठन नहीं है) शहर शामिल हैं।

दरअसल तेजी से बढ़ती आबादी के हिसाब से शहरों में सुविधाएं उपलब्ध कराने में कई तरह की दिक्कतें आ रही हैं। वहीं विकास प्राधिकरणों के पास लैंड बैंक की भारी कमी है और शहर का विकास पुरानी महायोजना क्षेत्र के बाहरी इलाके में हो रहा है। जबकि विनियमित क्षेत्र वाले शहरों में अधिकतर भूमि खेती वाली हैं। इसलिए नए क्षेत्रों में निर्माण कार्य कराने में बाधा आ रही है। ऐसे में इन शहरों के लिए जीआईएस आधारित मास्टर प्लान तैयार कराया जा रहा है। इसके लागू होने पर संबंधित शहरों में लोकेशन के आधार पर किसी खास क्षेत्र या भूमि के भू उपयोग का पता घर बैठे लगाया जा सकेगा। संबंधित जिलों ने प्रस्तावित मास्टर प्लान के बारे में सुझाव व आपत्ति का निस्तारण कराने के बाद प्रस्ताव शासन को भेजना शुरू कर दिया है। कुछ जिलों से प्रस्ताव आना बाकी है। जल्द ही इन प्रस्तावों को सरकार के समक्ष रखा जाएगा। मुख्यमंत्री की अनुमति मिलने के बाद इन शहरों में जीआईएस आधारित मास्टर प्लान को लागू किया जाएगा।

मिश्रित भू उपयोग की होगी सुविधा
प्रस्तावित मास्टर प्लान में खास बात होगी कि मिश्रित भू उपयोग की सुविधा मिल सकेगी। यानी किसी भी भवन में नीचे के मंजिल का व्यावसायिक तो ऊपर के मंजिल का उपयोग आवासीय के तौर पर किया जा सकेगा। इसी प्रकार ग्रीन बेल्ट, व्यावसायिक भू उपयोग आदि के प्रावधानों में भी जरूरत के मुताबिक बदलाव किए जाएंगे।

इन शहरों के लिए बनाया जा रहा मास्टर प्लान
विकास प्राधिकरण वाले 34 शहर : लखनऊ, रायबरेली, अयोध्या, उन्नाव, गोरखपुर, आगरा, मथुरा, कानपुर, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, हापुड़, बुलंदशहर, खुर्जा, शामली, मुरादाबाद, रामपुर, बरेली, वाराणसी, प्रयागराज, रामनगर-मुगलसराय, आजमगढ़ उरई, मिर्जापुर-विंध्याचल, मेरठ, झांसी, फिरोजाबाद, शिकोहाबाद, बस्ती, बड़ौत, अलीगढ़, गाजियाबाद, लोनी, मोदीनगर व बांदा।

 

विनियमित क्षेत्र वाले 25 शहर : लखीमपुर, सीतापुर, हरदोई, सुल्तानपुर, बहराइच, गोंडा, इटावा, मऊ, बदायूं, हाथरस, एटा, कासगंज, फतेहपुर, पीलीभीत, मैनपुरी, फर्रुखाबाद-फतेहगढ़, संभल, अमरोहा, चंदौसी, ललितपुर, शाहजहांपुर, देवरिया, गाजीपुर, जौनपुर व बलिया।

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