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बिना पंजीकरण चल रहे अस्पतालों पर होगी सख्त कार्रवाई: सीएमओ

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एक मई 2021 से अब तक 450 से ज्यादा अस्पतालों/डायग्नोस्टिक सेंटरों का किया गया पंजीकरण

जनपद में बिना पंजीकरण के चल रहे निजी अस्पतालों और डायग्नोस्टिक सेंटर के खिलाफ कार्रवाई होगी। इनका संचालन रोकने के लिए मुख्य चिकित्साधिकारी (सीएमओ) डाॅ0 लक्ष्मी सिंह के नेतृत्व में स्वास्थ्य विभाग की टीम सक्रिय है। साथ ही जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा के निर्देश पर तहसील स्तरीय डाक्टरों की टीम भी बनाई गई है।

इस टीम का उपजिलाधिकारी तथा पुलिस प्रशासन सहयोग कर रहे हैं। टीम पर आवंटित तहसीलों में निजी अस्पतालों/डायग्नोस्टिक सेंटरों की जांच करने की जिम्मेदारी है। इस मामले में बुधवार को जानकारी देते हुए मुख्य चिकित्साधिकारी (सीएमओ) डाॅ0 लक्ष्मी सिंह ने बताया कि जांच में अवैध संचालन करते पाए जाने पर टीम ही संबंधित अस्पताल के खिलाफ वैधानिक कार्रवाई सुनिश्चित करेगी। स्वास्थ्य विभाग किसी भी स्थिति में बिना पंजीकरण के निजी अस्पतालों और डायग्नोस्टिक सेंटरों का संचालन नहीं होने देगा।

पंजीकरण के लिए निजी अस्पताल/डायग्नोस्टिक सेंटर चलवाने या नवीनीकरण करवाने के लिए बायोमेडिकल वेस्ट का प्रमाणपत्र जरूरी है। पोल्यूशन बोर्ड का सर्टिफिकेट, अग्निशमन प्रमाणपत्र तथा मानव संसाधन के लिए शपथपत्र भी साथ में लगाना पड़ता है। इसके बिना किसी भी स्थिति में पंजीकरण/नवीनीकरण मान्य नहीं है अभी तक की स्थिति उन्होंने बताया कि 45 निजी अस्पतालों को नोटिस जारी की गई है। एक अस्पताल को सील करते हुए एफआईआर किया गया है।

एक मई 2021 से 30 अप्रैल 2022 तक कुल 336 अस्पतालों का पंजीकरण किया गया है। एक मार्च 2022 से 30 अगस्त 2022 तक 138 अस्पतालों/क्लीनिकों/पैथालॉजी/डायग्नोस्टिक सेंटरों का पंजीकरण किया गया। एक अप्रैल 2022 से 30 अगस्त 2022 तक अस्पतालों/डायग्नोस्टिक सेंटरों के लिए कुल 243 आवेदन पत्र प्राप्त हुए। एक मई 2021 से 30 अप्रैल 2022 तक मिले 193 फार्म जांच प्रक्रिया में हैं। उनका परीक्षण चल रहा है। रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया पूर्ण होने पर इनका पंजीकरण/नवीनीकरण पूर्ण कर दिया जाएगा।

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