गोपालापुर गांव के सामने रेलवे ट्रैक पर पड़े मां की गोद में मासूम बेटा और पास पड़े बेटी के शव को देखकर गांव के लोग कांप उठे। उनके मन में सिर्फ एक ही बात कौंध रही थी कि आखिरकार मीरा ने अपने मासूम बेटे और बेटी को साथ लेकर आत्महत्या जैसा बड़ा कदम क्यों उठाया। इधर अंगद जो मां के साथ रेलवे ट्रैक पर गया था। सामने से आ रही ट्रेन को देखकर चिल्लाते हुए गांव की तरफ भागने लगा। जिसने भी इस घटना को सुना वह स्तब्ध रह गया। वहीं परिजनों के रोने-बिलखने की आवाज रात के सन्नाटे को और भयावह बना रही थी।
गोपालापुर गांव निवासी गौतम यादव ट्रक चला कर अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं। वह ट्रक लेकर कहीं गए हुए थे। देर शाम हुई इस घटना ने सबको झकझोर कर रख दिया। ट्रैक पर पड़े मां मीरा यादव के गोद में पांच वर्षीय तरुण के शव को देखकर वहां मौजूद हर किसी की आंखें नम हो गई। सब एक दूसरे को इस हैरानी से देख रहे थे।
महिलाओं के करूण- क्रंदन से कोहराम मचा हुआ था। गांव के लोग परिजनों को सांत्वना देकर शांत कराने में जुटे रहे। इधर अंगद मां, छोटे भाई तरूण और बड़ी बहन काजल का शव देखकर दहाड़े मारकर रोने लग रहा था तो कभी एकदम शांत हो जा रहा था। गांव के लोग उसे शांत कराने का प्रयास कर रहे थे।
इस घटना से परिवार पर ऐसा दुख का पहाड़ टूटा है, जो कभी भूलाया नहीं जा सकता। इधर घटना की सूचना मिलते ही गौतम यादव भी घर के लिए रवाना हो गए। फिलहाल थानाध्यक्ष संजय मिश्रा ने तीनों शवों को कब्जे में लेकर मर्चरी हाउस भेज दिया है। देर रात तक मृतका के पति गौतम यादव थाने नहीं पहुंच थे।