सुप्रीम कोर्ट आज 2002 के गुजरात दंगों के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी को फंसाने की साजिश रचने और झूठे सबूत गढ़ने के आरोप में गिरफ्तार तीस्ता सीतलवाड़ की जमानत याचिका पर सुनवाई करेगा। चीफ जस्टिस यूयू ललित की अध्यक्षता वाली बेंच सुनवाई करेगी।
गुजरात सरकार तीस्ता की जमानत का विरोध कर चुकी है। गुजरात सरकार ने कहा है कि तीस्ता के खिलाफ एफआईआर सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हलफनामे के आधार पर दर्ज की गई है। अभी तक की जांच में अकाट्य तथ्य सामने आए हैं। तीस्ता समेत दूसरे आरोपितों ने राजनीतिक, वित्तीय और दूसरे लाभों के लिए साजिश रची। गवाहों के बयान से भी इस बात की पुष्टि होती है कि तीस्ता ने एक राजनीतिक दल के वरिष्ठ नेता के साथ साजिश रची।
तीस्ता की जमानत याचिका पर 22 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार को नोटिस जारी किया था। तीस्ता को 2002 के गुजरात दंगे के मामले में फर्जी दस्तावेज के जरिये फंसाने के मामले में 26 जून को गिरफ्तार किया गया था। उल्लेखनीय है कि 24 जून को सुप्रीम कोर्ट ने जाकिया जाफरी की याचिका पर फैसला सुनाते हुए कहा था कि 2006 में जाकिया जाफरी की शिकायत के बाद निहित स्वार्थों के चलते इस मामले को 16 साल तक जिंदा रखा गया । जो लोग भी कानूनी प्रकिया के गलत इस्तेमाल में शामिल हैं, उनके खिलाफ उचित कार्रवाई होनी चाहिए।