सुप्रीम कोर्ट आज मुंबई की आरे कालोनी में मेट्रो रेल परियोजना से जुड़े निर्माण के लिए पेड़ काटने के मामले की सुनवाई करेगा। चीफ जस्टिस यूयू ललित की अध्यक्षता वाली बेंच सुनवाई करेगी। इससे पहले 24 अगस्त को कोर्ट ने मुंबई मेट्रो रेल कारपोरेशन को निर्देश दिया था कि वो अपने दिए गए हलफनामे का पालन करे और अगले आदेश तक पेड़ों की कोई कटाई नहीं करे।
कोर्ट ने चेतावनी देते हुए कहा था कि अगर पेड़ों की कटाई हुई तो हम सख्त कार्रवाई करेंगे। सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद मुंबई मेट्रो रेल कारपोरेशन ने भरोसा दिया था कि वहां पेड़ों की कटाई नहीं की जा रही है। 5 अगस्त को मुंबई मेट्रो रेल कारपोरेशन के लिए पेश सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि 2019 में हुई सुनवाई के बाद से एक पेड़ नहीं काटा गया। कुछ झाड़ियां जरूर हटाई गई हैं। 28 जुलाई को वकील गोपाल शंकरनारायण ने कहा था कि 2019 में आए कोर्ट के आदेश का उल्लंघन किया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि 7 अक्टूबर 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने आरे फॉरेस्ट में पेड़ों को काटने पर रोक लगा दी थी। कोर्ट ने कहा था कि आरे फॉरेस्ट में यथास्थिति बहाल की जाए। पौधों के जीवित बचने की दर का विश्लेषण किया जाए। सुप्रीम कोर्ट ने पेड़ों को काटने का विरोध करने के दौरान गिरफ्तार सभी लोगों को रिहा करने का आदेश भी दिया था।