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विद्यार्थियों के लक्ष्य प्राप्ति में अभिभावकों और शिक्षकों की महती भूमिका : डाॅ. आरजे मौर्य

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मुख्य अतिथि सह जिला विद्यालय निरीक्षक आर. जे. मौर्य ने कहा कि अभिभावकों और शिक्षकों को विद्यार्थियों के लक्ष्य प्राप्ति में अपना सम्पूर्ण सहयोग देना चाहिए।

एस के प्रेसीडेंसी सी सेकेंडरी स्कूल में ‘लक्ष्य बोध शिविर और अभिभावक शिक्षक एसोसिएशन सम्मेलन का आयोजन शनिवार को किया गया। श्री मौर्य ने आगे कहा कि बच्चों को जीवन के संघर्षों से लड़ने के लिए प्रोत्साहित किया । शैलेन्द्र चतुर्वेदी ने लक्ष्य बोध शिविर का स्वागत करते हुए कहा कि आज अभिभावक और उनके पाल्य को साथ बैठे हुए देख कर ख़ुशी हो रही है। ये बैठक अतुलनीय और विशिष्ट है जिसका प्रयोग सभी को करना चाहिए । अभिभावकों के लिए कहा कि अपने पाल्य के साथ कुछ समय जरूर दें। नयी तकनीक ने हमारे छात्रों के लिए नए आयाम खोले हैं, जिससे उनको ज्ञानार्जन में सहायता प्राप्त होती है, जो विगत वर्षों में नहीं थे । विज्ञान का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि अनेक प्रकार के परीक्षणों के उपरांत सफलता मिलती है, उसी प्रकार विद्यार्थियों को भी सतत प्रयास करते रहना चाहिए ।

सह जिला विद्यालय निरीक्षक डॉ आर. जे. मौर्य तथा शैलेन्द्र चतुर्वेदी (भौतिकी प्रवक्ता- केश कु. बालिका ई. कालेज) द्वारा माँ सरस्वती को दीप प्रज्ज्वलित करके किया गया। प्रधानाचार्य शेषमणि मिश्रा ने कहा कि अभिभावक ऐसे स्कूल के आकांक्षी है जहाँ उनके छात्र के रुचि के अनुसार वातावरण, विद्यालय सहगामी क्रियाएं आदि व्यवस्थाएं उपलब्ध हों, परन्तु चुनौती है कि पुरानी पीढ़ी एवं नयी पीढ़ी की शैक्षिक सोच की भिन्नता में आज विद्यार्थी स्मार्ट है, इन्टरनेट से जुड़ा है और परिश्रम से 99 प्रतिशत अंक ला रहा है। लेकिन वह सामाजिक गतिविधियों से अछूता रह जाता है। प्रधानाचार्य ने अभिभावकों से सुझाव माँगा कि छात्रों के शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक, नैतिक व आध्यात्मिक विकास के लिए हम और क्या आप करें? अभिभावक बृजेश श्रीवास्तव ने विद्यालय कि शिक्षा व्यवस्था पर आभार व्यक्त किया । श्री सिंह ने कहा कि मेरे बच्चों को विद्यालय से अच्छी सीख मिल रही है। अभिभावक उदय नारायण वर्मा ने कहा कि मोबाइल पर भेजे जाने वाले गृहकार्य पर अपने सुझाव दिए। अंत में कार्यक्रम में उपस्थित सभी अभिभावकों और मुख्य अतिथि को विद्यालय में अपना अमूल्य समय देने हेतु धन्यवाद ज्ञापित किया । कार्यक्रम के अंत में विद्यालय के प्रबंधक ने अभिभावक और शिक्षक मिलकर छात्रों को लक्ष्य प्राप्ति में सहयोग करें। छात्र कार्य योजनाबद्ध, समयानुसार करें जिससे वे लक्ष्य को प्राप्त कर सकें।

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