प्रदेश सरकार में विभागीय कामकाज के साथ भाजपा, आरएसएस और विचार परिवार के संगठनों की सुनवाई के आधार पर मंत्रियों पर निगरानी रखी जाएगी। पार्टी की ओर से भेजे गए कार्यकर्ताओं से जुड़े वाजिब मामलों की सुनवाई नहीं करने वाले मंत्रियों की भी रिपोर्ट शीर्ष नेतृत्व तक दी जाएगी।
लोकसभा चुनाव में भाजपा ने यूपी में सभी 80 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है। पार्टी के रणनीतिकारों को पता है कि इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए मोदी-योगी सरकार की उपलब्धियों के साथ पार्टी और विचार परिवार के कार्यकर्ताओं को संतुष्ट रखना आवश्यक है। मुख्यमंत्री योगी ने बीते दिनों सहारनपुर में खुद कहा था कि कार्यकर्ताओं की सुनवाई न करने वाले अफसरों पर कार्रवाई होगी। वहीं, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य भी स्पष्ट कह चुके हैं कि संगठन सरकार से बड़ा होता है।
उन्होंने कहा कि कार्यकर्ताओं की मंत्रियों के स्तर से सुनवाई की मॉनीटरिंग का सिस्टम है। वहीं, प्रदेश में भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी और महामंत्री संगठन धर्मपाल की नियुक्ति के बाद कार्यकर्ताओं की अपेक्षाएं भी बढ़ी हैं।
सूत्रों के मुताबिक निकाय और लोकसभा चुनाव के मद्देनजर पार्टी एक ओर जहां केंद्र व प्रदेश सरकार की योजनाओं का लाभ नीचे तक पहुंचाने, उपलब्धियों को जनता के बीच रखने का काम करेगी वहीं, कार्यकर्ताओं को संतुष्ट रखने और उनका मनोबल बढ़ाने पर भी फोकस करेगी। इसके लिए जिला स्तर से लेकर प्रदेश सरकार के मंत्रियों तक की निगरानी होगी। पार्टी की ओर से एक-दो पदाधिकारी अधिकृत किए जाएंगे जो कार्यकर्ताओं से जुड़े मामले संबंधित मंत्रियों तक पहुंचाएंगे और उनके निस्तारण की रिपोर्ट भी पार्टी मुख्यालय में देंगे।
सुनवाई न करने पर साइड हो गए दिग्गज
योगी सरकार 1.0 में कुछ मंत्रियों पर पार्टी संगठन, आरएसएस और विचार परिवार के संगठनों की सुनवाई न करने के अक्सर आरोप लगते थे। सूत्रों का कहना है कि योगी सरकार 2.0 के गठन में इन्हीं शिकायतों को मुख्य आधार मानकर कुछ मंत्रियों को मंत्रिमंडल से बाहर किया गया।
निगरानी का नया सिस्टम बनेगा
भाजपा के प्रदेश प्रभारी राधामोहन सिंह ने कहा कि मंत्रियों पर निगरानी रखने के लिए नया सिस्टम बनेगा। उन्होंने कहा कि पार्टी के नए प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी तीन बार क्षेत्रीय अध्यक्ष रहे हैं। पंचायत चुनाव में सरकार और संगठन के बीच समन्वय का कार्य कर चुके हैं। इसलिए कहीं कोई समस्या नहीं होगी। सरकार और संगठन में कार्यकर्ताओं की सुनवाई होगी।
बड़ा फेरबदल होगा, नए चेहरों को मौका मिलेगा
भाजपा में नए प्रदेश अध्यक्ष और महामंत्री संगठन की नियुक्ति के बाद अब प्रदेश की टीम और क्षेत्रीय टीमों में बड़ा बदलाव होगा। प्रदेश टीम में ऐसे पदाधिकारी जो लगातार कई वर्षों से जगह बनाए हुए हैं उनके स्थान पर कुछ नए चेहरों को मौका दिया जाएगा। कुछ क्षेत्रीय अध्यक्षों व पदाधिकारियों को पदोन्नत कर प्रदेश टीम में जगह दी जाएगी। क्षेत्रीय अध्यक्ष भी बदले जाएंगे। क्षेत्रीय टीमों में भी बदलाव होगा।
विधानसभा चुनाव हारे पूर्व मंत्री, पार्टी के युवा विधायक और सांसद भी प्रदेश पदाधिकारी की दौड़ में है। सूत्रों के मुताबिक पार्टी को अब धरातल पर लोकसभा चुनाव की तैयारियां भी शुरू करनी है लिहाजा प्रदेश अध्यक्ष की नई टीम का गठन दीपावली तक हो सकता है।