लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए तीन हेलीकॉप्टरों से चलाया गया रेस्क्यू ऑपरेशन
मध्य प्रदेश में बीते तीन दिनों से बारिश थमी हुई है, लेकिन राजस्थान में हो रही बारिश की कारण कोटा बैराज से चंबल नदी में लगातार पानी छोड़ा जा रहा है। इसकी वजह से चंबल नदी ने रौद्र रूप धारण कर लिया है। शुक्रवार को सुबह चम्बल नदी खतरे के निशान से नौ मीटर ऊपर बह रही थी। इससे भिण्ड, मुरैना और श्योपुर जिले के सैकड़ों गांवों में बाढ़ के हालात हैं। क्षेत्र में तीन हेलीकॉप्टरों के माध्यम से रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का काम किया जा रहा है।
चम्बल नदी में खतरे का निशान 119.80 मीटर पर है, लेकिन शुक्रवार सुबह 8.00 बजे नदी का जल स्तर 129.77 मीटर था, जो खतरे के निशान से नौ मीटर अधिक है। इससे प्रदेश के तीन जिलों के कई गांवों में पानी भर गया है। मुरैना जिले के अटेर क्षेत्र की निचली बस्तियों सहित नावली वृंदावन, मुकुटपुरा, चौम्हों गांव से लोगों को रेस्क्यू कर निकालना शुरू किया। इसी तरह बरही गांव के पास भी चंबल का पानी पहुंच गया है। उदी घाट पर नदी पुल से महज 0.23 मीटर नीचे बह रही है। अधिक पानी बढ़ने पर ट्रैफिक भी बंद करा दिया गया है।
चंबल का जलस्तर बढ़ने से मुकुटपुरा, नावली वृंदावन, दिन्नापुरा, कछपुरा, खैराट, चिलोंगा, कोषण की मढ़ैया, नखनौली मढ़ैया, रमा कोट, ज्ञानपुरा, सराया, गढ़ा, खौना गांव के रास्ते कट गए हैं। जबकि मुकुटपुरा, नावली वृंदावन, कोषण की मढैयन, रमा कोट और चिलोंगा की निचली बस्ती में पानी पहुंच गया, जिससे यह गांव टापू बन गए हैं। हालांकि, जिला प्रशासन ने दावा किया है कि कोटा बैराज से पानी छोड़ना बंद कर दिया गया है। इससे चम्बल का जल स्तर कम होने लगा है। जल्द ही चम्बल नदी का असर दिखाई देगा और पानी भी कम होगा। भिंड कलेक्टर सतीश कुमार एस. ने बताया कि आधा दर्जन गांव में सूखे राशन के साथ ही खाने के पैकेट भेजे हैं। हमारी टीम लगातार प्रभावित गांवों पर नजर रख रही है।