दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने आरोप लगाया है कि आम आदमी पार्टी (आप) ने दिल्ली विधानसभा को राजनीति का अखाड़ा बना दिया है और सारे नियमों को ताक पर रख दिया है। उन्होंने उपराज्यपाल से अनुरोध किया है कि या तो विधानसभा के सत्र बुलाने के लिए नियमों का पालन कराया जाए और अगर आम आदमी पार्टी नियमों को नहीं मानती तो विधानसभा भंग कर दी जाए।
बिधूड़ी ने गुरुवार को एक बयान जारी कर कहा कि शुक्रवार को दिल्ली विधानसभा का एक दिन का सत्र फिर से नियमों को तोड़कर बुलाया गया है। संसद से लेकर सभी विधानसभाओं के मानसून सत्र हुए हैं लेकिन दिल्ली विधानसभा का मानसून सत्र नहीं बुलाया गया। केजरीवाल सरकार जनता के मुद्दों पर बात नहीं करना चाहती और न ही जनता के सवालों का जवाब देना चाहती है।
उन्होंने कहा कि हैरानी की बात यह है कि इस सत्र में न तो प्रश्नोत्तर होता है और न ही सदस्यों को अल्पकालिक चर्चा के विषय उठाने की अनुमति दी जाती है। यह लोकतंत्र का मजाक है कि विधानसभा में सदस्य अपनी बात नहीं कर सकते, कोई सवाल नहीं पूछ सकते। सदस्यों से सवाल पूछने का अधिकार तक छीन लिया गया है। जन प्रतिनिधि दिल्ली की समस्याओं जैसे बिजली, पानी, स्वास्थ्य, ट्रांसपोर्ट, शिक्षा, प्रदूषण, मैली यमुना आदि जैसी समस्याओं पर बात करना चाहते हैं लेकिन उन्हें इसकी अनुमति ही नहीं है।
बिधूड़ी ने उपराज्यपाल से मांग की है कि इस एक दिन के सत्र को रोका जाए और इसके स्थान पर विधानसभा का कम से कम पांच दिन का मानसून सत्र बुलाया जाए। सत्र बुलाने से पहले 15 दिन का नोटिस दिया जाए और सदस्यों को अपनी बात कहने का अधिकार दिया जाए। नेता प्रतिपक्ष ने कहा है कि मैं 1993 से विधानसभा का सदस्य रहा हूं लेकिन ऐसी मनमानी और तानाशाही कभी नहीं रही। अगर आम आदमी पार्टी इस तरह लोकतंत्र की हत्या पर उतारू है तो दिल्ली विधानसभा भंग कर दी जानी चाहिए।
उल्लेखनीय है कि दिल्ली के भाजपा विधायक दल की गुरुवार को बैठक हुई। जिसकी अध्यक्षता बिधूड़ी ने की। बैठक में भाजपा के सभी विधायकों मोहन सिंह बिष्ट, विजेंद्र गुप्ता, ओमप्रकाश शर्मा, जितेंद्र महाजन, अनिल वाजपेयी, अजय महावर और अभय वर्मा ने हिस्सा लिया।