पूर्व लोक सभा अध्यक्ष डॉ बलराम जाखड़ की जयंती के अवसर पर मंगलवार को संसद भवन के केंद्रीय कक्ष में उनके चित्र पर श्रद्धा सुमन अर्पित किए गए। संसद सदस्यों, पूर्व संसद सदस्यों, राज्य सभा के महासचिव पीसी मोदी तथा लोक सभा एवं राज्य सभा सचिवालय के अधिकारीगण ने डॉ जाखड़ को पुष्पांजलि अर्पित की।
23 अगस्त 1923 को पंजाब राज्य के फिरोजपुर जिले के पंजकोसी गांव में जन्मे, डॉ बलराम जाखड़ को 22 जनवरी वर्ष 1980 को सातवीं लोक सभा के अध्यक्ष के रूप में निर्वाचित किया गया। डॉ जाखड़ को सातवीं लोक सभा में पहली बार निर्वाचित होने के तुरंत बाद अध्यक्ष पद पर आसीन होने के साथ संसद में अपने करियर की शुरुआत करने का गौरव प्राप्त है। 16 जनवरी 1985 को उन्हें एक बार फिर सर्वसम्मति से आठवीं लोक सभा के अध्यक्ष के रूप में निर्वाचित किया गया। दिसंबर 1989 में जब डॉ जाखड़ ने अध्यक्ष पद छोड़ा तो वह स्वतंत्र भारत के एकमात्र ऐसे लोक सभा अध्यक्ष थे जिन्हें लगातार दो लोक सभाओं का पूर्णकालिक अध्यक्ष रहने का दुर्लभ सम्मान प्राप्त था।
कृषक से राजनीतिज्ञ बने डॉ जाखड़ लोक सभा अध्यक्ष के उच्च पद की कठिन चुनौतियों पर खरे उतरे और उन्होंने सभा का कार्य संचालन पूर्ण गरिमा शालीनता और निष्पक्षता के साथ किया। दृढ़ होने के साथ ही वह सभा की भावनाओं के प्रति संवेदनशील रहते थे। उन्होंने सभा के निर्विघ्न और सुव्यवस्थित कार्यशैली चालन और इस प्रकार देश विदेश में संसद की उत्कृष्ट छवि प्रस्तुत करने के कार्य में सदस्यों के सहयोग पर जोर दिया।
वर्ष 1991 के आम चुनाव में डॉ जाखड़ एक बार फिर सीकर निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए और नई सरकार में केंद्रीय कृषि मंत्री बने। उन्होंने संसद और सरकार में रहकर कृषक समुदाय के हितों को सफलतापूर्वक सबके सामने रखा और उनकी रक्षा भी की।
डॉ जाखड़ का 3 फरवरी 2016 को निधन हो गया।