कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय का निरीक्षण करने के लिए एडी बेसिक अवध किशोर सिंह सैदपुर क्षेत्र में सोमवार को पहुंचे। इस दौरान परिषदीय विद्यालयों, बीआरसी सहित कस्तूरबा विद्यालयों में खामियां हीं खामियं मिली। विद्यालय में छात्राओं की जिंदगी से खिलवाड़ होते देख बीईओ को फटकार लगाते हुए लेखाकार को कारण बताओं नोटिस जारी किया। उसी दौरान विभागीय कर्मचारी को भेजकर अपनी जेब से रूपये देकर स्विच बदलवाया। कस्तूरबा विद्यालय में तीन छात्राएं बीमार मिली, जिन्होने आरोप लगाया कि उन्हे दवा नहीं दी जाती है।
प्राथमिक विद्यालय ईशोपुर पर एडी बेसिक अवध किशोर सिंह के साथ हीं डीसी एमडीएम कनिका जैन पहुंचे। हालांकि विद्यालयों कक्षाएं सुचारू रूप से संचालित होते मिली व विद्यालय में शिक्षक मौजूद रहे। नगर के दोनों कंपोजिट विद्यालयों पर भी निरीक्षण किया। हालांकि विद्यालय में सबकुछ ठीक मिला। टीम कस्तूरबा विद्यालय पर पहुंची तो कमियां ही कमियां मिलीं। सीसीटीवी कैमरा, अग्निशमन यंत्र नहीं था। सेफ्टी टैंक टूटा था। पंखा, कूलर, फ्रिज, बल्ब, बायोमेट्रिक मशीन आदि जले थे। पूछने पर लेखाकार रणजीत व वार्डन मीना सिंह हर छोटी चीज के लिए भी बहाना बनाती रहीं। हर सवाल का जवाब बस यहीं रहा कि जिला मुख्यालय पत्र भेजकर जानकारी देते हुए मांग की गयी है। मिलते हीं इसे लगा दिया जाएगा। जबकि शासन की ओर से 20 हजार रुपये की आकस्मिक निधि मिलती है जिसे इन्हीं सब पर कार्य पर खर्च करना होता है। एडी बेसिक दूसरे कक्ष में पहुंचे, जहां आलमारियों के दरवाजे टूटे थे। विद्यालय में लगे बोर्ड में एक स्विच टूटा था, जिससे बच्चियों को करेंट लग सकता था। एडी बेसिक ने लेखाकार से व्यंगात्मक ढंग से पूछा कि इस स्विच पर टेप लगाने के लिए भी जिले के अधिकारियों से अनुमति लेना पड़ता तो लेखाकार ने मनबढ़ अंदाज में जवाब दिया कि हां, हर चीज के लिए उच्चाधिकारियों को अवगत कराते हुए अनुमति लेनी होती है। यह सुनकर एडी बेसिक काफी नाराज हुए और खुद की जेब से रुपये देकर मिस्त्री बुलाया और मरम्मत कराने के बाद लेखाकार के खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी किया। विद्यालय में ऊपर पहुंचने पर वहां तीन छात्राएं कक्षा सात की ज्योति सोनकर, आठ की पूजा व मुस्कान बीमार मिली। एडी बेसिक ने पूछा क्या हुआ, इसके बाद तीन छात्राएं रोते हुए बताया कि तीन दिन से बीमार है, लेकिन दवा नहीं मिला है। कंप्यूटर कक्ष में पहुंचने पर बच्चों से जवाब मांगा, लेकिन बच्चे जवाब नहीं पाएं। बच्चों ने आंगन में बल्ब, म्यूजिक का सामान सहित खेल की सामग्री न हीं होने की शिकायत किया। एडी बेसिक ने तत्काल खेल सामग्री व म्यूजिक सामग्री को नोट कराते हुए खिड़कियों पर जाली लगवाने के लिए निर्देशित किया। विद्यालय में विज्ञान, गणित,अंग्रेजी व हिंदी जैसे प्रमुख विषयों के शिक्षक ही नहीं हैं। एडी बेसिक ने बीईओ को निर्देशित करते हुए कहा कि इन विषयों की महिला शिक्षकों को रोस्टर बनाकर वैकल्पिक तौर पर यहां भेजें। एडी बेसिक अवध किशोर सिंह ने कहा कि मंडल में कहीं भी इतनी दुर्व्यवस्था नहीं मिली। बालिका विद्यालयों में चैनल बंद रहना चाहिए। विद्यालय में कुल 100 पंजीकृत थीं जिसमें से 65 छात्राएं उपस्थित रहीं। उन्होने कहा कि कस्तूरबा विद्यालयों की जांच लगातार चलती रहेगी।