काशी में हरियाली शृंगार महोत्सव में बाबा काल भैरव के दर्शन के लिए देर रात तक श्रद्धालुओं की कतार लगी रही। महाआरती के बाद मंदिर का कपाट बंद हुआ।
काशी के कोतवाल बाबा कालभैरव ने सोमवार को स्वर्णमयी स्वरूप में भक्तों को दर्शन देकर कृपा बरसाई। दर्शन कर भक्त भी अभिभूत नजर आए। हरियाली शृंगार महोत्सव में बाबा के दर्शन के लिए देर रात तक श्रद्धालुओं की कतार लगी रही। महाआरती के बाद मंदिर का कपाट बंद हुआ।
सोमवार को बाबा कालभैरव के 108वें वार्षिक हरियाली महोत्सव का शुभारंभ संयोजक पं. राजेश मिश्र के आचार्यत्व में बाबा के पंचामृत अभिषेक से आरंभ हुआ। प्रधान पुजारी पं. विश्वनाथ महाराज ने सिंदूर अर्पण कर नवीन वस्त्र और मुखौटा धारण कराया। इसके बाद फूलों और आभूषणों से बाबा की स्वर्णमयी स्वरूप की झांकी सजाई गई।
शृंगार के पश्चात बाबा को भोग लगाकर आरती उतारी गई। मंदिर का कपाट आम श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया। मंदिर मार्ग से लेकर पूरे प्रांगण में फूल, पत्ती और विद्युत झालरों से सजाया गया था। अपराह्न में 11 ब्राह्मणों ने बसंत पूजन कराया। शाम को सात बजे से कलाकारों ने बाबा के चरणों में भजनों की सुरसरिता अर्पित की। देर रात तक भक्तिमय गीतों का सिलसिला जारी रहा। 12 बजे महाआरती के बाद महोत्सव को विराम दिया गया।