उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सोमवार को विधानसभा में कहा कि शिवसंग्राम संगठन के पूर्व अध्यक्ष विनायक मेटे की मौत के मामले में उनका चालक शक के घेरे में है। चालक के बार-बार बयान बदलने से उस पर शक गहराता जा रहा है। इसलिए इस मामले की समानांतर जांच सीआईडी के साथ डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल (डीआईजी) स्तर के अधिकारी से करवाई जाएगी।
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजीत पवार ने सोमवार को विनायक मेटे की मुंबई-पुणे हाईवे पर सड़क दुर्घटना में हुई मौत का मुद्दा ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के माध्यम से उठाया। अजीत पवार ने कहा कि इस मामले में चालक बार-बार अपना बयान बदल रहा है, इससे सच के बारे में पता नहीं चल पा रहा है। साथ ही मुंबई-पुणे हाईवे को छोटे वाहनों के लिए दो लेन और बढ़ाकर 8 लेन का करना आवश्यक है। अजीत पवार ने कहा कि विनायक मेटे को सड़क दुर्घटना के बाद समय पर मदद नहीं मिली थी।
इसी तरह कांग्रेस विधायक दल के नेता बालासाहेब थोरात ने इस घटना में पुलिस की लापरवाही का मुद्दा उठाया। साथ ही कांग्रेस विधायक वर्षा गायकवाड़ ने भी मामले की तत्काल गहन छानबीन किए जाने और हाईवे पर गड्ढों को तत्काल भरे जाने की मांग की। इसके बाद उपमुख्यमंत्री ने इस घटना की गहन छानबीन करवाए जाने और हाईवे पर होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने के लिए आवश्यक कार्रवाई करने का आश्वासन सभागृह को दिया। देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि मुंबई-पुणे हाईवे को 8 लेन का बनाकर डिजिटल जीपीएस प्रणाली लागू की जाएगी।
आशा खबर /रेशमा सिंह पटेल