भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान विराट कोहली का कहना है कि उन्होंने अपने पूरे करियर में मानसिक स्वास्थ्य के साथ संघर्ष किया है।
कोहली ने एक अंग्रेजी समाचार-पत्र को दिये साक्षात्कार में बताया कि उनके करियर के दबाव ने कई बार उनके मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाला।
उन्होंने कहा, मैंने व्यक्तिगत रूप से ऐसे समय का अनुभव किया है जब मैं समर्थन और प्यार करने वाले लोगों से भरे कमरे में भी, खुद को अकेला महसूस करता था, और मुझे यकीन है कि यह एक ऐसी चीज है. जिसे काफी लोगों ने कभी न कभी महसूस किया होगा।
उन्होंने कहा, यह निश्चित रूप से एक गंभीर मुद्दा है और जितना हम हर समय मजबूत रहने की कोशिश करते हैं, यह आपको उतना ही कमजोर कर सकता है।
कोहली ने कहा कि एथलीटों के लिए आराम करना और खेल के दबाव से उबरना और फिर अपने मूल से जुड़ना महत्वपूर्ण है।
2014 में इंग्लैंड दौरे के दौरान रन बनाने में नाकाम रहने के बाद अवसाद से जूझने के कुछ ही महीनों बाद कोहली की यह टिप्पणी आई है।
उन्होंने फरवरी में अंग्रेजी कमेंटेटर मार्क निकोलस के साथ पॉडकास्ट में कहा था, यह जानकर जागना अच्छा नहीं है कि आप रन नहीं बना पाएंगे… मुझे लगा कि मैं दुनिया का सबसे अकेला आदमी हूं।
दुनिया के सबसे अधिक भुगतान पाने वाले एथलीटों में से एक कोहली ने 2019 के बाद से किसी भी प्रारूप में शतक नहीं बनाया है। हाल ही में वेस्टइंडीज दौरे के लिए आराम दिए जाने के बाद, अब उन्हें एशिया कप के लिए भारत की टी20 टीम में शामिल किया गया है, जिसकी शुरुआत चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान के खिलाफ मैच से होगी।
आशा खबर/रेशमा सिंह पटेल