सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन के सभागार सत्याग्रह भवन में महान स्वतंत्रता सेनानी एवं आजाद हिंद फौज के संस्थापक नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 77 वी शहादत दिवस पर सर्वधर्म प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया। जिसमें सभी धर्मों के लोगों ने भाग लिया। इस अवसर पर सत्यग्रह रिसर्च फाउंडेशन के सचिव डॉ एजाज अहमद (अधिवक्ता) ने कहा कि ऐसा माना जाता है कि आज ही के दिन आज से 77 वर्ष पूर्व एक विमान दुर्घटना में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मृत्यु ताइपे( ताइवान) में हो गई थी।
डॉ0 एजाज अहमद, डॉ सुरेश कुमार अग्रवाल चांसलर प्रज्ञान अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय, डॉ शाहनवाज अली , डॉ अमित कुमार लोहिया एवं अल बयान के संपादक डॉ सलाम ने संयुक्त रूप से कहा कि जापान में श्रद्धापूर्वक नेताजी सुभाष चंद्र बोस को आज के दिन श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है। लेकिन नेताजी सुभाष चंद्र बोस का परिवार आज भी इस घटना को मानने को तैयार नहीं है।
चंपारण कला मंच की संयोजक शाहीन परवीन शाहीन परवीन एवं बिहार विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग के शोधार्थी डॉ शाहनवाज अली ने कहा कि जो भी हो आज नेताजी सुभाष चंद्र बोस हमारे बीच जीवित नहीं हैं। स्वतंत्रता आंदोलन में नेताजी सुभाष चंद्र बोस का योगदान अतुल्य रहा है । जिसे भुलाया नहीं जा सकता ।सत्याग्रह की जन्मस्थली बेतिया पश्चिम चंपारण से सुभाष चंद्र बोस का गहरा लगाव रहा है ।विभिन्न अवसरों पर राष्ट्रीय आंदोलन को दिशा प्रदान करने के लिए 40 के दशक में अपने मित्र अरविंद मुखर्जी से बेतिया आकर मिले थे ।नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने ऐतिहासिक विपिन मध्य विद्यालय ,मीना बाजार चौक, सोवा बाबू चौक में भव्य सभाओं के द्वारा आम जनमानस को संबोधित किया था। बेतिया के ऐतिहासिक मीना बाजार चौक पर नेता जी के ऐतिहासिक संबोधन रहा ।राष्ट्रीय आंदोलन एवं देश की स्वतंत्रता के लिए बेतिया की जनता को संबोधित।
वक्ताओं ने सरकार से मांग करते हुए स्वतंत्रता सेनानियों एवं शहीदों के सम्मान में राष्ट्रीय संग्रहालय एवं विश्वविद्यालय स्थापित करने की मांग की इससे नई पीढ़ी को आसानी से उच्च शिक्षा मिल सके एवं राष्ट्र के निर्माण में अपना अतुल योगदान दे सके।
आशा खबर /रेशमा सिंह पटेल