विधानसभा चुनाव से पहले हिमाचल प्रदेश कांग्रेस में अहम बदलाव हुआ है। कांग्रेस हाईकमान ने कांगड़ा के कांग्रेस विधायक पवन काजल को प्रदेश कांग्रेस कार्यकारी अध्यक्ष पद से हटा दिया है। उनकी जगह पर्व सांसद चंद्र कुमार को कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया गया है।
अखिल भारतीय कांग्रेस महासचिव एन वेणुगोपाल ने देर रात इस संबंध में अधिसूचना जारी की है। पवन काजल के भाजपा में शामिल होने की आशंका की वजह से कांग्रेस हाईकमान ने यह कदम उठाया है। कांग्रेस ने इसी साल मार्च में प्रतिभा सिंह को प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष नियुक्त किया था। साथ में चार कार्यकारी अध्यक्ष बनाए गए थे। इनमें पवन काजल, हर्ष महाजन, राजेंद्र राणा और विनय कुमार शामिल हैं।
इस बीच सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार पवन काजल और सोलन जिला से ताल्लुक रखने वाले कांग्रेस के एक अन्य विधायक ने दिल्ली में डेरा डाला है और भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व आज उनके पार्टी में शामिल होने की घोषणा कर सकता है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुरेश कश्यप भी बीते कल दिल्ली पहुंच गए हैं।
भाजपा की यह सियासी रणनीति कांग्रेस को बड़ा झटका देने वाली साबित होगी, क्योंकि दोनों विधायक जनाधार वाले नेता हैं और इनकी अपने-अपने हलकों में अच्छी पकड़ है।
प्रदेश भाजपा नेतृत्व लगातार दावा करता रहा है कि कांग्रेस के कुछ नेता उनके सम्पर्क में हैं औऱ भाजपा में शामिल होने का आतुर हैं।
बहरहाल राज्य में विधानसभा चुनाव नजदीक होने के कारण भाजपा ने पूरी ताकत झोंक रखी है तो दूसरी ओर कांग्रेस अपना कुनबा सहेजने में जुटी हुई है।
पार्टी नेतृत्व की ओर से छतीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल को मुख्य पर्यवेक्षक और एआईसीसी सचिव राजीव शुक्ला को प्रदेश प्रभारी बनाया गया है। विधानसभा चुनाव में पार्टी को एकजुट रखने की कवायद की जा रही है।
यह अलग बात है कि पिछले दिनों कांग्रेस पार्टी सत्तारूढ़ भाजपा को दो झटके दे चुकी है। पूर्व प्रदेश भाजपा अध्यक्ष व धूमल सरकार में मंत्री रहे खिमी राम और ठियोग के पूर्व विद्यायक दिवंगत राकेश वर्मा की पत्नी इंदू वर्मा भाजपा छोड़ कांग्रेस में शामिल हुए हैं।
आशा खबर / शिखा यादव