सुप्रीम कोर्ट ने देशभर में ईसाई संस्थानों और पादरियों पर कथित तौर पर हमले बढ़ने से संबंधित याचिका पर सुनवाई टाल दी है। इस मामले की अगली सुनवाई 25 अगस्त को होगी।
सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि उन्होंने एक नोट दाखिल किया है। इस पर याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील कॉलिन गोंजाल्वेस ने कहा कि उन्हें आज ही ये नोट मिला है। उन्होंने जवाब देने के लिए समय देने की मांग की। तब कोर्ट ने 25 अगस्त को अगली सुनवाई करने का आदेश दिया।
5 अगस्त को कोर्ट ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया था। इस याचिका में घृणा अपराधों पर लगाम लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट के पहले के दिशा-निर्देशों के कार्यान्वयन की भी अपील की गई है। सुनवाई के दौरान वरिष्ठ वकील कॉलिन गोंजाल्वेस ने कहा था कि देश भर में पांच सौ से ज्यादा ईसाई संस्थाओं पर हमले हुए हैं। उन्होंने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट ने भीड़ द्वारा हिंसा पर लगाम लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट के पहले के आदेश का पालन करने के लिए दिशा-निर्देश जारी करने की मांग की।
सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि हमें जवाब दाखिल करने के लिए एक हफ्ते का समय दिया जाए। तब कोर्ट ने कहा था कि तहसीन पूनावाला के मामले में सुप्रीम कोर्ट पहले ही आदेश दे चुका है। हमें ये देखना है कि उसे लागू किया जा रहा है कि नहीं। हम व्यक्तिगत मामलों को नहीं देख सकते हैं।
आशा खबर/ रेशमा सिंह पटेल