‘जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान’ में ‘जय अनुसंधान’ जोड़ना जरूरी: मोदी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को लाल किले की प्राचीर से राज्यों के बीच ‘सहकारी प्रतिस्पर्धी संघवाद’ को बढ़ावा देने की जरूरत पर बल दिया।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सहकारी संघवाद हमारे लोकतंत्र की नींव है। इसके साथ ही हमें सहकारी प्रतिस्पर्धी संघवाद की भी जरूरत है। उन्होंने कहा, ‘हमें प्रगति पर प्रतिस्पर्धा की जरूरत है। अगर एक राज्य ने प्रगति सुनिश्चित करने के लिए काम किया है, तो दूसरे को बेहतर करना चाहिए।’
प्रधानमंत्री ने 76वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हुए ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के दौरान भारत में नवाचार को बढ़ावा देने के लिए ‘जय अनुसंधान’ का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि लाल बहादुर शास्त्री जी का ‘जय जवान, जय किसान’ का नारा हमें हमेशा याद रहता है। बाद में अटल बिहारी वाजपेयी ने इस नारे में ‘जय विज्ञान’ जोड़ा।
प्रधानमंत्री ने इस कड़ी को आगे बढ़ाते हुए इसमें ‘जय अनुसंधान’ को जोड़ते हुए कहा कि अब अनुसंधान और नवाचार को बढ़ाने की जरूरत है। उन्होंने कहा, ‘जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान और जय अनुसंधान’।
प्रधानमंत्री ने ‘आत्मनिर्भर भारत’ पर जोर देते हुए इसे ‘जन आंदोलन’ के रूप में आगे बढ़ाने की जरूरत बताई। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत हर नागरिक, हर सरकार, समाज की हर इकाई की जिम्मेदारी बन जाता है। “आत्मनिर्भर भारत, यह कोई सरकारी एजेंडा या सरकारी कार्यक्रम नहीं है। यह समाज का जन आंदोलन है, जिसे हमें आगे बढ़ाना है।”
प्रधानमंत्री ने निजी क्षेत्र से आत्मनिर्भर भारत पहल में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि पीएलआई योजनाओं के माध्यम से, हम दुनिया के विनिर्माण बिजलीघर बन रहे हैं। इतना ही नहीं लोग ‘मेक इन इंडिया’ के लिए भारत आ रहे हैं। प्रधानमंत्री ने विदेशी खिलौनों का बहिष्कार करने वाले बच्चों की सराहना करते हुए कहा, ‘मैं उन बच्चों को सलाम करता हूं जो आयातित खिलौनों को ना कह रहे हैं।’