भारत के दिग्गज निवेशक राकेश झुनझुनवाला का आज सुबह निधन हो गया। झुनझुनवाला ने सुबह 6:45 बजे कैंडी ब्रीच अस्पताल में अंतिम सांस ली। झुनझुनवाला को शेयर बाजार का बेताज बादशाह माना जाता था। निवेश के क्षेत्र में झुनझुनवाला की धाक इतनी थी कि उन्हें भारत का वॉरेन बफेट भी कहा जाता था। दुनियाभर में शेयर बाजार में उनकी पैनी नजर की मिसाल दी जाती है। कई बार बाजार में उठापठक की आंधी के बीच भी उन्होंने जिस तरह से व्यापार को संभाला उसने सभी को हैरान कर दिया। बाजार के धड़ाम होते ही जहां कई निवेशक बाजार को छोड़कर भाग जाते थे वहीं राकेश झुनझुनवाला इस दौरान बिल्कुल नहीं घबराते थे और शांति से काम लेते थे। उन्हें शेयर बाजार का बिग बुल भी कहा जाता था। झुनझुनवाला के बारे में कहा जाता था कि वे मिट्टी को भी छू लें तो सोना बन जाती है।
महज पांच हजार से की थी निवेश की शुरुआत
दिवंगत राकेश झुनझुनवाला ने निवेश की दुनिया में साल 1985 में कदम रखा था। इस दौरान उन्होंने महज पांच हजार रुपये से निवेश की शुरुआत की थी और आज उनकी कुल नेटवर्थ 41 हजार करोड़ रुपये से अधिक की है। झुनझुनवाला ने इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट से सीए की डिग्री भी ली। बताया जाता है कि शेयर बाजार में झुनझुनवाला की दिलचस्पी पिता के कारण हुई। उनके पिता टैक्स ऑफिसर थे। उनके पिता अक्सर अपने दोस्तों के साथ शेयर बाजार की बातें किया करते थे। झुनझुनवाला अपने पिता की बातें गौर से सुनते थे। इसके बाद से उन्होंने दलाल स्ट्रीट को समझना शुरू कर दिया और यहीं से उन्होंने निवेश की दुनिया में उड़ान भरनी शुरू कर दी। निवेश की दुनिया में जब उन्हें फायदा होने लगा तो उन्हें पक्का यकीन हो गया कि अगर कहीं से बड़ा पैसा बनाया जा सकता है तो वह सिर्फ यही जगह है।
शुरू में टाटा के शेयर ने करा दिया जबरदस्त मुनाफा
झुनझुनवाला शुरू से ही रिस्क लेने वाले थे। उसने अपने भाई के ग्राहकों से बैंक सावधि जमा की तुलना में अधिक रिटर्न के साथ इसे वापस करने के वादे के साथ पैसे उधार लिए। 1986 में, उन्होंने अपना पहला महत्वपूर्ण लाभ तब कमाया जब उन्होंने 43 रुपये में टाटा टी के 5,000 शेयर खरीदे और तीन महीने के भीतर स्टॉक बढ़कर 143 रुपये हो गया। उसने अपने पैसे से तीन गुना से अधिक कमाया। उन्होंने तीन साल में 20-25 लाख कमाए। झुनझुनवाला ने पिछले कुछ वर्षों में टाइटन, क्रिसिल, सेसा गोवा, प्राज इंडस्ट्रीज, अरबिंदो फार्मा और एनसीसी में सफलतापूर्वक निवेश किया है।
ऐसे बने शेयर मार्केट के बिग बुल
राकेश झुनझुनवाला महज तीन साल में ही शेयर में पैसे लगाकर करोड़ों का मुनाफा कमा लिया। इसके बाद उन्होंने आए कई कंपनियों में दांव लगाए और खूब लाभ कमाया। लेकिन झुनझुनवाला को जिसने बिग बुल बनाया वह थी टाटा की टाइटन कंपनी। दरअसल, झुनझुनवाला ने साल 2003 में टाटा समूह की कंपनी टाइटन में पैसा लगाए थे। उस वक्त उन्होंने महज तीन रुपये के हिसाब से टाइटन के छह करोड़ शेयर खरीद लिए थे जिसकी वैल्यू 7000 करोड़ रुपये से अधिक हो गई।