देश आजादी की 75वीं वर्षगांठ हर्षोल्लास के साथ मनाने की तैयारियों में जुटा है। इस आजादी के लिए तमाम स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों, महापुरूषों ने अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया, तब जाकर आजादी मिली। आजादी का जश्न अपने साथ विभाजन का दर्द भी समेटे हुए है। 15 अगस्त 1947 को देश जब आजादी मिलने की खुशियां मनाने में जुटा था तो उसी वक्त दिल्ली समेत देश के विभिन्न इलाकों में दंगे शुरु हो गए थे। भारत-पाकिस्तान बंटवारे की कीमत पर मिली आजादी की खुशियां विभाजन की विभीषिका में झुलस गईं। इन दंगों में तकरीबन 10 लाख से ज्यादा लोगों ने अपनी जान गंवाई और बड़ी संख्या में लोग बेघर हो गए। कितनी मांओं की गोद सुनी हो गई और बहनों ने अपने भाई खो दिए तो किसी का पूरा परिवार ही इन दंगों की भेंट चढ़ गया।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) मुख्यालय में ‘विभाजन की विभीषिका’ को बयां करने वाली एक प्रदर्शनी लगी है। शनिवार को भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने इस प्रदर्शनी की उद्घाटन किया। इस प्रदर्शनी में भारत-पाक बंटवारे के समय हुए रक्तपात और हिंसा को बयां करने वाली उस वक्त की फोटो, समाचार पत्रों की कतरनों के जरिए उस वक्त के हालात को दर्शाया गया है। चित्रों के बारे में हिन्दी, अंग्रेजी में संक्षिप्त जानकारी दी गई है।
प्रदर्शनी में चार जून को हुए ऐतिहासिक संवाददाता सम्मेलन की तस्वीर को भी साझा किया गया है। इसके साथ ही शरणार्थी शिविरों और उसमें शरण लिए लोगों की तस्वीरों को भी प्रदर्शनी में शामिल किया गया है। प्रदर्शनी में विभाजन के बाद हुई रक्तरंजित हिंसा, ट्रेनों, और दूसरे साधनों में लोगों की भारी भीड़ के सवार होने, बच्चों, महिलाओं की दुर्दशा को प्रदर्शित करने वाली तस्वीरें भी शामिल हैं।
नड्डा ने पूरी प्रदर्शनी का निरीक्षण किया। एक-एक तस्वीर को बड़ी गंभीरता से देखा।
उल्लेखनीय है कि भाजपा ने 14 अगस्त, रविवार को ‘विभाजन की विभीषिका’ के रूप में मनाने की घोषणा की है। इस दौरान पूरे देश में स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों और महापुरुषों की मूर्तियां के आस-पास स्वच्छता का कार्यक्रम किया जाएगा। स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों और महापुरुषों की मूर्तियों पर माल्यार्पण किया जाएगा। हर जिले में मौन जुलूस निकाला जाएगा।
आशा खबर /रेशमा सिंह पटेल