केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह शुक्रवार को सहकारिता मंत्रालय और नेशनल फेडरेशन ऑफ स्टेट कोऑपरेटिव बैंक्स के तत्वावधान में आयोजित ग्रामीण सहकारी बैंकों के एक दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे। केंद्रीय सहकारिता राज्यमंत्री बीएल वर्मा समापन सत्र को संबोधित करेंगे। इस कार्यक्रम में सहकारिता मंत्रालय के सचिव ज्ञानेश कुमार, फेडरेशन के अध्यक्ष कोंडुरु रविंदर राव और फेडरेशन के प्रबंध निदेशक भीमा सुब्रह्मण्यम भी मौजूद रहेंगे।
आधिकारिक विज्ञप्ति के मुताबिक भारत में अल्पकालिक सहकारी ऋण संरचना में 34 राज्य सहकारी बैंक, 351 जिला केंद्रीय सहकारी बैंक और 96,575 पैक्स शामिल हैं। राज्य सहकारी बैंकों के राष्ट्रीय संघ की स्थापना 19 मई, 1964 को राज्य और केंद्रीय सहकारी बैंकों के संचालन को सुविधाजनक बनाने और अल्पकालिक सहकारी ऋण संरचना के विकास के व्यापक उद्देश्य के साथ की गई थी। फेडरेशन अपने सदस्यों और उनके सहयोगियों, शेयरधारकों और मालिकों को उनकी उपलब्धियों को प्रोजेक्ट करने, उनकी चिंताओं पर ध्यान केंद्रित करने और उनके हितों को बढ़ावा देने के लिए सामान्य मंच प्रदान करता है।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह चुनिंदा राज्य सहकारी बैंकों, जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों और पैक्स को प्रदर्शन पुरस्कार भी प्रदान करेंगे और 100 साल की सेवा के लिए कुछ अल्पकालिक सहकारी ऋण संस्थानों को सम्मानित करेंगे।
विज्ञप्ति में कहा गया है कि सरकार कृषि और ग्रामीण क्षेत्रों की बेहतरी के लिए काम कर रही है और जैसे-जैसे कृषि बुनियादी ढांचे में सरकार का निवेश बढ़ता है, वैसे-वैसे सहकारी समितियों की भूमिका और क्षमता भी बढ़ती है।
आशा खबर /रेशमा सिंह पटेल