नए भारत का नए स्टेशन के रूप में विकसित होने वाले प्रयागराज जंक्शन के पुनर्विकास के कार्य ने एक और सीढ़ी चढ़ी है। विरासत भी विकास भी की थीम पर जंक्शन के पुनर्विकास के लिए पांच कंपनियों ने बोली लगाई है। सोमवार को जब निविदा खुली तो तस्दीक हुई कि जंक्शन के विकास के लिए पांच कंपनियों ने अपनी दिलचस्पी दिखाई है।
दरअसल, प्रयागराज जंक्शन का 859 करोड़ की लागत से पुनर्विकास होना है। इसकेे लिए एक अगस्त को ई-निविदा के जरिए बोली लगाई गई। 20,483 स्क्वायर मीटर एरिया में जंक्शन के पुनर्विकास का काम 48 माह में होना है। अब टेंडर कमेटी पांचों कंपनियों में से सर्वाधिक बोली लगाने वाली कंपनी को जंक्शन के पुनर्विकास का काम देगी।
ई निविदा केे जरिए जिन कंपनियों ने बोली लगाई उसमें नासिक की अशोका बिल्डिकान लिमिटेड, हैदराबाद की डीईसी इंफ्रास्ट्रक्चर एंड प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड , अहमदाबाद की दिनेश चंद्र आर. अग्रवाल इंफ्राकान प्राइवेट लिमिटेड, दिल्ली की गिरधारी लाल कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड एवं इरोड तमिलनाडु की यूआरसी कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड ने बोली लगाई है। अब इन्हीं पांच कंपनियों में से किसी को जंक्शन के पुनर्विकास की जिम्मेदारी मिलेगी।
जंक्शन पर होने हैं ये काम
पिछले माह ही भविष्य के प्रयागराज जंक्शन की रेलवे बोर्ड द्वारा प्रतीकात्मक तस्वीर जारी की गई थी। यहां यात्रियों को एयरपोर्ट सरीखी सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएंगी। बहुमंजिली बिल्डिंग में पार्किंग, फूडकोर्ट और यात्रियों के लिए अन्य विश्वस्तरीय सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी। इसमें यात्रियों के लिए स्काईवॉक, एस्केलेटर और लिफ्ट भी लगाई जाएगी।
72-72 मीटर दो कांकोर्स (हालनुमा परिसर) बनेंगे। जंक्शन के मुख्य द्वार पर लॉबी और बैगेज स्कैनर के साथ ही सुरक्षा के लिए हेल्प डेस्क भी रहेगी। यात्रियों के लिए फूड कोर्ट और शॉपिंग कांप्लेक्स आदि का निर्माण होगा। सौर ऊर्जा के प्रयोग से ही इसे चमकाने का तैयारी रेलवे ने की है।
प्रयागराज जंक्शन के पुनर्विकास के लिए पांच कंपनियों ने बोली लगाई है। अब आगे की प्रक्रिया टेंडर कमेटी द्वारा की जाएगी। -डॉ. शिवम शर्मा, सीपीआरओ, उत्तर मध्य रेलवे
आशा खबर / शिखा यादव